India News,(इंडिया न्यूज),Women Reservation Bill: भारतीय राजनीति में आज का दिन ऐतिहासिक होने वाला है। आज के दिन संसद की विशेष सत्र की दुसरी बैठक नई संसद भवन में होगा। 18 सितंबर की शाम को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत कोटा आरक्षित करने का प्रावधान है।

पहली बार कैबिनेट मीटिंग में नहीं हुई कोई ब्रीफिंग
ANI के मुताबिक, आज के दिन महिला आरक्षण बिल पर सोनिया गांधी ने कहा,’यह हमारा है, अपना है।’ वहीं महिला आरक्षण बिल पर राजद सांसद मनोज झा का कहना है, ”पहली बार कैबिनेट मीटिंग में कोई ब्रीफिंग नहीं हुई। हम महिला आरक्षण बिल पर सरकार की मंशा पर और स्पष्टता चाहते हैं। लालू यादव के समय से हमारी पार्टी का मानना है कि अगर आपका विचार प्रतिनिधित्व बढ़ाने का है तो यह तब तक संभव नहीं है जब तक आप एससी, एसटी और ओबीसी को कोटा नहीं देंगे। कोटा के अंदर कोटा होना जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो हमें सामाजिक न्याय पर लंबी लड़ाई करना होगा।

बिल पास नहीं होने पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों दोषी
दरअसल, महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि महिला आरक्षण बिल की मांग यूपीए और हमारी नेता सोनिया गांधी ने शुरू की थी। इसमें इतना समय लग गया, यह सोचनीय हैं। वहीं, महिला आरक्षण बिल पर आप सांसद सुशील गुप्ता कहते हैं, ”एक दशक से यह बिल राज्यसभा से पास होने के बाद लटका हुआ था। इसे करीब दस साल पहले ही पास हो जाना चाहिए था जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी। इसके लिए विशेष सत्र बुलाना पड़ा। देर आए दुरुस्त आए, ऐसा होना चाहिए। महिलाओं को उनका हक मिलना चाहिए, आप हमेशा महिलाओं के बेहतर प्रतिनिधित्व के समर्थन में है। इसमें कोई शक नहीं कि राज्यसभा में इस दौरान बिल पास हो गया। कांग्रेस की सरकार थी। लेकिन लोकसभा में यह पारित नहीं हो सका। उस समय के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों दोषी हैं।

सिर्फ निम्न वर्ग के महिलाएं को मिले लाभ
महिला आरक्षण बिल पर जेएमएम सांसद महुआ माजी का कहना है, ”हम इसका स्वागत करते हैं क्योंकि हम खुद लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं। चूंकि मैं एक आदिवासी राज्य से हूं, इसलिए मैं चाहती हूं कि इस बिल में एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं को आरक्षण मिले।” यदि ऐसा नहीं हुआ तो उच्च वर्ग की महिलाएँ इसका सारा लाभ ले लेंगी।”

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