Reverse Dieting: आज के समय में रिवर्स डाइटिंग का चलन काफी चल चुका है। फिटनेस फ्रीक और जो लोग अपने स्वास्थ्य का हमेशा ध्यान रखना चाहते हैं और वजन को तेजी से हटाना चाहते हैं। उनके बीच रिवर्स डाइटिंग का चलन काफी चल चुका है।

क्या है रिवर्स डाइटिंग

रिवर्स डाइटिंग के अंदर एक लंबे समय तक कैलोरी को बंद करने के बाद धीरे-धीरे कैलोरी के सेवन को बढ़ाया जाता है। जिससे जो वजन कम हुआ है। उसको बनाए रखा जा सके। इसके अंदर धीरे-धीरे मेटाबॉलिज्म और हार्मोन के स्तर को बराबर किया जाता है इसलिए सप्ताह या महीने में एक बार थोड़ी मात्रा में कैलोरी को शरीर के अंदर बढ़ा दिया जाता है। इस प्रक्रिया के अंदर वजन घटाने के लिए कैलोरी को धीरे धीरे बढ़ाया जाता है। जिससे वजन घटानें की प्रक्रिया को उल्टा किया जा सके क्योंकि सीधी प्रक्रिया से वजन घटाना काफी मुश्किल होता हैं।

रिवर्स डाइटिंग के काम

रिवर्स डाइटिंग में आमतौर पर व्यक्ति जो वजन कम कर रहा होता है। वह हर सप्ताह उसकी डाइट में 50 से 100 कैलोरी को वापस ऐड कर देता है। इससे शरीर में वजन को काबू में रखने वाले हार्मोन को थोड़ी शक्ति मिलती रहती है। जैसे-जैसे कैलोरी का सेवन बढ़ता है। वैसे वैसे वजन बढ़ाने वाला हार्मोन उसी कैलोरी से ऊर्जा लेना शुरू कर देता है और वजन प्रबंधन में मदद मिलती हैं।

रिवर्स डाइटिंग के फायदे

रिवर्स डाइटिंग में हर हफ्ते 50 से 100 कैलोरीज को ऐड करने से शरीर अतिरिक्त कैलोरी के अनुकूल ही अनुमान लेती है और अत्यधिक वजन को बढ़ने से रोकती है। रिवर्स डाइटिंग उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है जो कई लंबे समय से कैलोरीज को अपने शरीर में कम ले रहे हैं या फिर पहले से  डाइट कर रहे हैं।

 

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