इंडिया न्यूज,सोनीपत:
Death Sentence in Honor Killing Triple 3 murder: ऑनर किलिंग के पांच साल पुराने मामले में एडिशनल सेशन कोर्ट ने एक हत्यारे को मंगलवार को फांसी की सजा सुनाई। इसके भाई को भी दोषी करार दिया गया है, लेकिन वह फरार है, जिस कारण उसे सजा नही सुनाई गई। वारदात नवंबर 2016 में खरखौदा की है, जिसमे प्रेम विवाह के बाद बहन के पति, सास, ससुर की गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी।
मामले के अनुसार खरखौदा निवासी प्रदीप ने झज्जर के गांव बिरधान की सुशीला के साथ प्रेम विवाह किया था। सुशीला के परिजन इससे गुस्से में थे। उनका मानना था कि सुशीला ने उनकी इज्जत को बट्टा लगा दिया है।18 नवंबर 2016 की रात को प्रदीप के घर 2 युवक कार में पहुंचे। घर मे घुस कर उन्होंने ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इसमे सुशीला, प्रदीप,उसके पिता सुरेश और मां सुनीता को गोलियां लगी। बाद में प्रदीप व सुनीता की मौके पर मौत हो गई। इलाज के दौरान अस्पताल में सुरेश ने भी दम तोड़ दिया। पुलिस ने प्रदीप के भाई सूरज की शिकायत पर मामला दर्ज किया था।
सोनीपत के एडिशनल सेशन जज आरपी गोयल ने मामले में सोमवार को आरोपी सतेंद्र उर्फ मोनू और हरीश को दोषी करार दिया। दोनों सुशीला के भाई हैं। कोर्ट ने मंगलवार को सजा सुनाई। इसमे मामले में दोषी करार हरीश को फांसी की सजा दी। इसके भाई सतेंद्र उर्फ मोनू भगौड़ा घोषित है, जिसके चलते उसे सजा नहीं सुनाई जा सकी। हरीश को हत्या, हत्या के प्रयास और एससी-एसटी एक्ट में सजा सुनाई गई।
वारदात के समय सुशीला गर्भवती थी। गोली लगने से घायल होने पर उसको पीजीआई में भर्ती कराया गया था। वहीं पर रात को उसने बेटे को जन्म दिया था। स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से सुशीला को उसकी बड़ी बहन व रिश्तेदार अपने साथ ले गए थे।
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प्रदीप के परिवार में उसका भाई सूरज और एक बहन ही बची थी। अब वारदात के करीब 5 साल बाद परिवार को न्याय मिल है।
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