India News (इंडिया न्यूज), Types of Talaq: पहले इस्लाम में पुरुष तीन बार तलाक-तलाक कहकर महिलाओं को तलाक दे देते थे। आपको बता दें कि ट्रिपल तलाक इस्लाम में तलाक का एक रूप है। इसे तलाक-ए-बिद्दत, तुरंत तलाक या तलाक-ए-मुगलजाह भी कहा जाता है। ट्रिपल तलाक में पुरुष तीन बार एक साथ ‘तलाक’ शब्द बोलकर अपनी पत्नियों को तलाक दे देते थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। क्या आप जानते हैं कि ट्रिपल तलाक के अलावा इस्लाम में कई और तरह के तलाक भी हैं। आज हम आपको इस्लाम में दिए जाने वाले तलाक के बारे में बताएंगे।
इस्लाम में पति और पत्नी दोनों को कई अधिकार प्राप्त हैं। इसमें तलाक का अधिकार भी शामिल है। इस्लाम में तलाक के चार प्रकार बताए गए हैं। इनमें तलाक-ए-हसन, तलाक-ए-किनाया, तलाक-ए-बैन और तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक शामिल हैं।
तलाक-ए-हसन
अब सवाल यह है कि तलाक-ए-हसन क्या है? आपको बता दें कि तलाक-ए-हसन के तहत पति अपनी पत्नी को 3 महीने में तलाक देता है। इसमें वह एक महीने के अंतराल पर एक बार तलाक कहता है। इसमें यह शर्त भी शामिल है कि जब पति अपनी पत्नी को पहली बार तलाक कहे तो पत्नी मासिक धर्म में न हो। साथ ही, दूसरी बार तलाक कहने से पहले और बाद में दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश की जाती है। अगर फिर भी पति-पत्नी के बीच सुलह नहीं होती है तो पति तीसरे महीने में तीसरा तलाक भी कह देता है। हालांकि, अगर पति-पत्नी इन 3 महीनों में एक बार भी सेक्स करते हैं तो उनका तलाक नहीं हो सकता।
तलाक-ए-किनाया
तलाक-ए-किनाया में एक बार में तलाक दिया जाता है। यह तलाक बोलकर, लिखकर या व्हाट्सएप मैसेज के जरिए दिया जा सकता है। इसमें पति अपनी पत्नी को काजी की मौजूदगी में मीटिंग में या सार्वजनिक रूप से या लिखकर या मैसेज करके बताता है कि मैं तुमसे अलग हो रहा हूं।
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तलाक-ए-बाइन
आपको बता दें कि तलाक-ए-बाइन भी एक बार में लिखकर, बोलकर या सार्वजनिक रूप से दिया जा सकता है। इस दौरान पुरुष महिला से कह सकता है कि मैं तुमसे अलग होना चाहता हूं। मैं तुम्हें आजाद करता हूं’, ‘अब तुम आजाद हो’, ‘तुम या यह रिश्ता हराम है’, ‘अब तुम मुझसे अलग हो’। ऐसी बातें कहकर वह एक बार में तलाक दे सकता है।
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