India News (इंडिया न्यूज), Viral News: उत्तराखंड से हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। यह घटना राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं और संवेदनहीनता की ओर गंभीर सवाल उठाती है। मामला पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग गांव की रहने वाली शिवानी नामक युवती से जुड़ा है, जिसे एंबुलेंस के अभाव में अपने छोटे भाई अभिषेक के शव को टैक्सी की छत पर बांधकर 195 किलोमीटर दूर अपने गांव ले जाना पड़ा।
22 वर्षीय शिवानी और उसका 20 वर्षीय भाई अभिषेक हल्द्वानी के हल्दूचौड़ इलाके में एक निजी कंपनी में काम करते थे। शुक्रवार को अभिषेक को सिर दर्द की शिकायत हुई और वह जल्दी घर लौट आया। कुछ समय बाद वह रेलवे पटरी के पास बेसुध हालत में पाया गया। स्थानीय लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर शनिवार को शिवानी को सौंप दिया। यहीं से शुरू हुआ युवती की परेशानी का सिलसिला। भाई के शव को घर ले जाने के लिए उसने एंबुलेंस चालकों से संपर्क किया, लेकिन हर एंबुलेंस चालक ने 10 से 12 हजार रुपये किराया मांगा। आर्थिक रूप से कमजोर शिवानी के पास इतने पैसे नहीं थे।
राजस्थान वन विभाग में लगातार हो रहे तबादले, कुल 88 अधिकारियों के किए तबादले
एंबुलेंस न मिलने पर शिवानी ने अपने गांव के एक टैक्सी चालक से संपर्क किया। अंततः उसे अपने भाई के शव को सामान की तरह टैक्सी की छत पर बांधकर ले जाना पड़ा। इस दौरान उसे लगभग 195 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा।
स्थानीय लोगों और तीमारदारों ने बताया कि अस्पताल परिसर के बाहर खड़ी निजी एंबुलेंस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। एंबुलेंस चालक मनमानी किराया वसूलते हैं और जरूरतमंदों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं।
सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि यह घटना अस्पताल के बाहर हुई, इसलिए उनके संज्ञान में नहीं आई। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने मदद के लिए अनुरोध किया होता, तो अस्पताल प्रशासन जरूर सहायता करता।
घटना की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख व्यक्त किया और पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए। उन्होंने अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।
यह घटना उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है। एंबुलेंस सेवा की कमी और निजी चालकों की मनमानी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जरूरतमंदों के लिए संवेदनशीलता और मदद की भावना का अभाव है।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इंसानियत केवल एक शब्द बनकर रह गई है। जरूरत है कि ऐसे मामलों से सबक लेकर जिम्मेदार संस्थाएं अपनी सेवाओं में सुधार लाएं और आम जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दें।
Russia Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने आज यानी क्रिसमस के दिन (25…
India News (इंडिया न्यूज) Atal Knowledge Centers: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री…
10 नंबर नाके पर सस्पेंस से भरी चेकिंग India News (इंडिया न्यूज), MP News: मंदसौर…
एरिया डोमिनेशन अभियान के तहत एक्शन India News(इंडिया न्यूज),Rajasthan News: बीकानेर पुलिस ने कुख्यात 'किंग्स…
Azerbaijan Airlines Plane Crash: कजाकिस्तान के अक्तौ एयरपोर्ट पर बुधवार (25 दिसंबर 2024) को हुए…
India News (इंडिया न्यूज)The Satanic Verses' Returns: सलमान रुश्दी की विवादित किताब 'द सैटेनिक वर्सेज'…