चीन में कोरोना से हर रोज़ लोग मौत के मुँह में समां रहे हैं. हालात ऐसे हो चुके हैं कि लाश को जलाने के लिए दफनाने के लिए जगह नहीं बची है, चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. ऐसे समय में अब दुनियाभर के उद्योगों पर एक बार फिर संकट मंडराने लगा है, क्योंकि चीन में ज्यादातर मैन्युफैक्चरिंग होती है. पर चीन इन दिनों संकट से जूझ रहा है. चीन के इस संकट के चलते पूरे दुनिया की उम्मीद भरी निगाहें भारत पर टिकी हैं, जो एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनने को न केवल तैयार है, बल्कि इस राह पर कदम बढ़ा चुका है.

EV इंडस्ट्री को सप्लाई चेन की परेशानी का करना पड़ सकता है सामना

चीन में आये इस संकट के बीच इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उद्योग कुछ प्रभावित जरूर होगी.EV इंडस्ट्री को सप्लाई चेन की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन इस संकट के हल के विकल्प के तौर पर दुनिया भारत की ओर देख रही है. कई बड़ी भारतीय कंपनियां चिप निर्माण से लेकर अन्य पुर्जों के निर्माण का काम शुरू कर चुकी हैं. दूसरी तरफ, भारत सरकार की तरफ से भी भारत में मैन्युफैक्चिंग यूनिट लगाने वाली कंपनियों को हरसंभव सहयोग दिया जा रहा है.

कोरोना से चीन में स्थिति नाज़ुक

ट्रोनटेक के संस्थापक और सीईओ समरथ कोचर के हवाले से फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने छापा है कि चीन में अधिकतर सप्लायर कोरोना से जूझ रहे हैं, हालात नाज़ुक बने हुए हैं, हर रोज़ज लाखों की संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं. कारखानों में 50% कर्मचारी काम कर रहे हैं. ट्रोनटेक कई भारतीय कंपनियों में से एक है, जो चीन में उत्पादित सेल से बनी बैटरियों को असेंबल करती है. ट्रोनटेक इन बैटरियों को टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर वाहन निर्माताओं को सप्लाय करता है.