India News (इंडिया न्यूज), Daughter Became Sanyasan: आज के समय में अधिकांश बच्चे अपना समय दोस्तों, टीवी और मोबाइल में बिताते हैं। लेकिन राजस्थान के झालावाड़ की 12 साल की खुशी ने एक अलग रास्ता चुना। उसका अधिकांश समय पूजा-पाठ में बीतता था, जिससे उसके परिवार और आसपास के लोग खुश रहते थे। लेकिन खुशी का यह जुनून एक दिन उनके लिए मुसीबत बन गया।
मिसिंग रिपोर्ट और परिवार की चिंता
झालरपाटन में रहने वाले खुशी के परिवार ने उसकी मिसिंग रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई है। परिवार का कहना है कि खुशी का पूजा-पाठ में गहरा रुचि थी, लेकिन उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि एक दिन यह रुचि उसकी जिंदगी में इतना बड़ा बदलाव ला देगी।
चिट्ठी में लिखा संन्यास लेने का निर्णय
खुशी की मां, हेमकंवर, ने बताया कि सोमवार को बेटी ने उपवास रखा था। जब वह शाम को अपने काम से लौटीं, तो उन्होंने खुशी को खाना बनाने के लिए ढूंढना शुरू किया। लेकिन जब खुशी नहीं मिली, तो उन्होंने उसके कमरे में एक चिट्ठी पाई।
इस चिट्ठी में खुशी ने लिखा था कि वह घर छोड़कर भक्ति मार्ग में जा रही है और संन्यास ग्रहण कर रही है। उसने यह भी लिखा कि उसने घर से एक हजार रुपये और अपने कपड़े लिए हैं और वह मथुरा जा रही है। चिट्ठी में खुशी ने स्पष्ट रूप से लिखा था कि वह अब वापस नहीं लौटेगी।
परिवार का अचंभा
चिट्ठी पढ़ते ही परिवार के होश उड़ गए। उन्होंने खुशी के धार्मिक प्रवृत्ति के बारे में जान लिया था, लेकिन इतनी बड़ी फैसला लेने की किसी को उम्मीद नहीं थी। अब परिवार ने तुरंत पुलिस स्टेशन जाकर खुशी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
निष्कर्ष
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की मानसिकता और उनके विचारों को समझना कितना आवश्यक है। खुशी की कहानी यह दिखाती है कि भक्ति का जुनून कभी-कभी परिवार और बच्चों के बीच के रिश्ते को भी चुनौती दे सकता है। अब पुलिस और परिवार दोनों मिलकर खुशी की तलाश कर रहे हैं, उम्मीद है कि जल्द ही वह सुरक्षित अपने घर लौटेगी।