India News(इंडिया न्यूज), Karti Chidambaram: कार्ति चिदंबरम को कथित तौर पर चीनी वीज़ा मंजूरी के लिए रिश्वत मिली थी। पीएमएलए कोर्ट ने उनकी कंपनी को लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाया गया है। जांच से अपराध की आय का पता चलता है। कार्ति और पी.चिदंबरम पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी चल रहा है। आइए जानते हैं कार्ति चिदंबरम से जुड़ी पूरी खबर..

चिदंबरम ने ली 50 लाख रुपये की वीजा रिश्वत

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को कांग्रेस के लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम आरोप लगाया कि पंजाब में एक बिजली संयंत्र में काम करने वाले चीनी नागरिकों को वीजा की मंजूरी दिलाने के लिए अपने करीबी सहयोगी एस भास्कररमन के माध्यम से 50 लाख रुपये की रिश्वत ली थी, जब उनके पिता पी चिदंबरम घर पर थे। ईडी ने मामले में आरोप पत्र दायर किया गया है, जिस पर 19 मार्च को पीएमएलए अदालत ने संज्ञान लिया था। ईडी ने अपने लॉन्ड्रिंग मामले में तलवंडी साबो पावर लिमिटेड के अलावा कार्ति, उनकी कंपनी एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड और भास्कररमन को आरोपी बनाया है।

ये भी पढें- Top News Arvind Kejriwal Arrest Updates: सीएम केजरीवाल को कल PMLA कोर्ट में पेश करेगी ED, लॉकअप में कटेगी रात

ईडी ने बताया अपराध की आय

मामले में अपनाई गई कार्यप्रणाली यह थी कि कंपनी ने फर्जी सेवाओं की आड़ में एक एंट्री ऑपरेटर को चेक के माध्यम से 50 लाख रुपये का भुगतान किया। बदले में एंट्री ऑपरेटर ने कार्ति के करीबी सहयोगी एस भास्कररमन को 50 लाख रुपये नकद में दिए। इसके बाद, ईडी ने कहा, भास्कररमन ने कार्ति द्वारा नियंत्रित कंपनी एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड में 50 लाख रुपये का नकद निवेश किया। ईडी की जांच में आगे पता चला कि निवेश किए गए 50 लाख रुपये का मूल्य बढ़कर ज्यादा हुआ। ईडी ने कहा कि समय-समय पर 1.59 करोड़ रुपये मिले जो पीएमएलए के प्रावधानों के अनुसार ‘अपराध की आय’ है।

ये भी पढें- Top News PM Modi को मिला रूस आगमन का निमंत्रण, पिछले दिनों हुई थी पुतिन और पीएम मोदी की फोन पर बात