India News (इंडिया न्यूज), Drug Addict Children: नशा दुनिया की सबसे बुरी चीज है और अब तो बच्चे भी इसके शिकार हो रहे हैं। भारत के लगभग हर राज्य में नशे के शिकार बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। केरल में नशे की समस्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि यहां भाई-बहनों के बीच घरेलू कलह और यौन शोषण के मामले भी बढ़ रहे हैं। इस समय नशे की लत के मामले में केरल की स्थिति पंजाब से भी बदतर हो गई है।
साल 2024 में केरल में 24,517 नशे के मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि पंजाब में यह संख्या 9734 थी। यहां नशा करने वालों में डॉक्टर और छोटे स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। लोगों का झुकाव मारिजुआना की जगह सिंथेटिक ड्रग्स की ओर बढ़ रहा है।
कैंडी और आइसक्रीम के रूप में भी नशा
कैंडी और आइसक्रीम के रूप में भी नशा उपलब्ध है और ड्रग टेस्ट किट की बिक्री की संख्या बढ़ रही है, क्योंकि माता-पिता अपने बच्चों की जांच के लिए इसे खरीदना चाहते हैं। सामाजिक कल्याण और अधिकारिता मंत्रालय ने करीब दो साल पहले एम्स के राष्ट्रीय नशा निर्भरता उपचार केंद्र के जरिए एक सर्वे कराया था। इस सर्वेक्षण के अनुसार, 17 वर्ष से कम आयु के लगभग 20 लाख बच्चे मारिजुआना की लत के शिकार हैं।
70% छात्र कक्षा 2 से ही नशे के आदी
केरल के कोट्टायम में पुनर्वास केंद्र से गुजरे 210 से अधिक छात्रों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि लगभग 70% छात्र कक्षा 2 से ही नशे के आदी हो गए थे।राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान के अनुसार, 10 से 75 वर्ष की आयु के लगभग 10 करोड़ लोग शराब पीते हैं, जिनमें से 5.2% इसके आदी हैं। 0.58% वयस्कों की तुलना में 1.7% बच्चे और किशोर इनहेलेंट का उपयोग करते हैं। 8.5 लाख लोग इंजेक्शन के माध्यम से नशा कर रहे हैं।
इन राज्यों में सबसे ज्यादा नशा कर रहे बच्चे
इसके अलावा, छत्तीसगढ़, गुजरात, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, असम, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बच्चों में नशे की प्रवृत्ति सबसे अधिक है। यहां 10 से 17 वर्ष के बच्चे अफीम, इनहेलेंट और शामक दवाओं का उपयोग कर रहे हैं।