इंडिया न्यूज:(Mrs Chatterjee VS Norway) रानी मुखर्जी की एक फिल्म आजकल सुर्खियों में बनी हुई है। मैसेज चैटर्जी वर्सेस नॉर्वे जो एक सच्ची घटना पर आधारित है। इस कहानी को देखकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो सकते हैं। यह कहानी बेहतरीन इमोशन और भावनाओं से भरी हुई है। इस कहानी के अंदर रानी मुखर्जी के अभिनय ने और भी जान डाल दी है।

क्या है फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे की कहानी

यह कहानी 2011 की घटना पर आधारित है। जब नॉर्वे में बाल कल्याण सेवा उन बच्चों को अपने साथ ले गई जो भ्रष्टाचार से पीड़ित थे। इस फिल्म में इस कपल द्वारा पूरे देश के साथ अपने बच्चों को दोबारा पानी की लड़ाई को दिखाया गया है। फिल्म की कहानी में साल 2011 में नॉर्वे के कानून की वजह से अनुरूप और सागरिका ने अपने दोनों बच्चों की कस्टडी को खो दिया था। जिसमें उनका 3 साल का बेटा अविग्यान  और 1 साल की बेटी ऐश्वर्या थी। इस मामले में नॉर्वे सरकार ने बच्चों को हाथ से दूध पिलाने को जबरदस्ती बताएं, इसके साथ ही यह आरोप भी नॉर्वे सरकार द्वारा लगाया गया कि बच्चों के पास खेलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है और माता-पिता अपने बच्चों को पर्याप्त खिलौने और कपड़े दिलाने के लिए योग्य नहीं है। इसके साथ ही नॉर्वे सरकार ने घर में बिस्तर के ऊपर भी सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा कि बच्चों के पास अपना अलग बिस्तर भी नहीं है। जो अनिवार्य होना चाहिए इस केस में काफी लंबी लड़ाई के बाद नॉर्वे सरकार ने पिता के बड़े भाई को बच्चों की कस्टडी देने का फैसला किया जिसके बाद वह अपने बच्चों को भारत लेकर आ सके। इस लड़ाई के दौरान अनुरूप  और सागरिका के बीच अनबन हो गई और उनकी बात बिगड़ गई। जिस वजह से सागरिका को कानूनी तौर पर काफी लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। जिसके बाद उन्हें अपने बेटे और बेटी की कस्टडी 2013 में कोलकाता उच्च न्यायालय ने दी।

 

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