90 साल पुराना ब्रिटिश काल का एक दुर्लभ नोट
आज जिस नोट की बात हो रही है, वह ब्रिटिश काल में जारी किया गया था। इस नोट पर तत्कालीन गवर्नर जे डब्ल्यू के हस्ताक्षर हैं, और यह 1935 का है। यह लगभग 90 साल पुराना नोट अब एक ऐतिहासिक धरोहर माना जाता है। इसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म Coin Bazaar और Quikr पर बेचा जा सकता है, जहाँ यह करीब 7 लाख रुपये तक की कीमत में बिक सकता है। इस नोट की कीमत उसकी दुर्लभता और ऐतिहासिक महत्व के कारण है।
हालाँकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आधिकारिक रूप से पुराने नोटों और सिक्कों की खरीद-फरोख्त की अनुमति नहीं देता है। इसलिए, यह व्यापार ज्यादातर शौक और निजी नीलामी के जरिए होता है।
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1 रुपये का नोट और उसकी ऐतिहासिक विशेषताएं
भारत में 1 रुपये का नोट ऐतिहासिक दृष्टि से एक विशेष स्थान रखता है। इसका छपाई बंद होने के कारण यह दुर्लभ हो गया है। इसके पहले यह नोट 1917 में जारी हुआ था, और इस पर भारत के सम्राट जॉर्ज पंचम की तस्वीर थी।
1 रुपये के नोट पर “भारत सरकार” लिखा होता है, न कि भारतीय रिजर्व बैंक, क्योंकि जब यह पहली बार जारी हुआ था, तब रिजर्व बैंक का गठन नहीं हुआ था। RBI का गठन 1935 में हुआ था।
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1 रुपये के नोट की छपाई और पुनर्प्रकाशन
1 रुपये का नोट भारतीय करेंसी में 1917 में शामिल किया गया था। 1926 में इसकी छपाई बंद कर दी गई थी, लेकिन 1940 में इसे दोबारा शुरू किया गया। फिर 1994 में इसे फिर से बंद कर दिया गया। 2015 में एक बार फिर से इसकी प्रिंटिंग शुरू की गई, लेकिन अब भी आजादी से पहले के इन नोटों की मांग करेंसी कलेक्टर्स के बीच काफी अधिक है।
कलेक्टर्स और करेंसी कलेक्शन का महत्व
पुराने नोट और सिक्के केवल करेंसी कलेक्टर्स के लिए ही नहीं, बल्कि भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक हैं। इसलिए इनकी मांग और कीमत भी समय के साथ बढ़ती जा रही है। यदि आपके पास भी इस तरह का दुर्लभ नोट है, तो इसे सही मूल्य में बेचकर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं।
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नोट: पुराने नोटों की खरीद-फरोख्त में सावधानी बरतें और सुनिश्चित करें कि यह गतिविधि किसी कानून का उल्लंघन नहीं कर रही है।