India News (इंडिया न्यूज), Maharana Pratap And Prithviraj Chauhan: भारत के इतिहास में कई महान योद्धाओं का नाम लिया जाता है, जिनमें पृथ्वीराज चौहान और महाराणा प्रताप का नाम सबसे पहले आता है। हालांकि दोनों के बीच कभी भी युद्ध नहीं हुआ, क्योंकि इनके बीच लगभग 374 वर्षों का अंतर था, लेकिन यदि ताकत की बात की जाए तो दोनों ही शासक अपनी शक्ति और युद्ध कौशल के लिए हमेशा से प्रसिद्ध रहे हैं।
पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को 17 बार हराया
पृथ्वीराज चौहान की सेना में करीब 3 लाख सैनिक, 300 हाथी और बड़ी संख्या में घुड़सवार थे। उन्होंने दिल्ली से लेकर अजमेर तक राज किया और 23 युद्धों में विजय प्राप्त की। सबसे बड़ी बात यह है कि पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को पूरे 17 बार हराया था, जो उनके युद्ध में कौशल का बड़ा सबूत देता है।
बहुत बड़ा था महाराणा प्रताप का साम्राज्य
वहीं, महाराणा प्रताप का साम्राज्य और युद्ध कौशल भी किसी से कम नहीं था। उनकी सेना में 3000 घुड़सवार और 400 भील धनुर्धारी थे। उनका सबसे प्रसिद्ध युद्ध हल्दीघाटी की लड़ाई था, जहां उन्होंने मुग़ल सम्राट अकबर की 85,000 सैनिकों की विशाल सेना को 20,000 सैनिकों के साथ चुनौती दी। हालांकि, इस युद्ध में अकबर की सेना ने कुछ रणनीतिक लाभ पाया, लेकिन महाराणा प्रताप की बहादुरी और जुझारूपन ने उन्हें अनगिनत प्रशंसा दिलाई।
दोनों में कौन था ज्यादा ताकतवर?
इन दोनों योद्धाओं की ताकत, युद्ध कौशल और रणनीतिक चातुर्य के बारे में इतिहास में हमेशा चर्चा होती रही है। यदि बात ताकत की करें तो पृथ्वीराज चौहान की सेना संख्या में कहीं ज्यादा थी, लेकिन महाराणा प्रताप की बहादुरी और अपने कड़े संघर्षों के कारण उन्हें भी ऐतिहासिक महत्व प्राप्त है।