India News,(इंडिया न्यूज),Maratha Reservation: महाराष्ट्र के लिए ये दिन काला दिन साबित हो रहा है। जहां मराठा आरक्षण को लेकर चल रहा आंदोलन आज यानी सोमवार को देखते-देखते हिंसक हो गया। जहां प्रदेर्शनकारियों ने दो विधायकों के घरों और कार्यालयों पर तोड़फोड़ की गई। इसके साथ ही नगर निगम की एक इमारत को आग लगाने का प्रयास भी किया गया। बता दें कि, आरक्षण के समर्थन में एक भाजपा विधायक और शिवसेना शिंदे गुट के एक सांसद ने त्यागपत्र देने की घोषणा भी की है।
विधायकों के घरों पर हमला
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, हिंसा इतना उग्र हो गया कि, छत्रपति संभाजी महाराज नगर के गंगापुर में भाजपा विधायक प्रशांत बंब के कार्यालय में आंदोलनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ की और एक अन्य विधायक प्रकाश सोलंके के घर पर पथराव किया और आग लगा जी। जिसके बाद बीड के माजलगांव नगर निगम की इमारत की पहली मंजिल में आग लगा दी। इस आगजनी में नगर निगम के फर्नीचर को नुकसान पहुंचा है, जिस जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में मनोज जरांगे पाटिल का अनशन चल रहा है, वहां के नगर मुख्यालय स्थित सभी सरकारी कार्यालयों में मराठा आंदोलनकारियों ने ताले लगा दिए।
सीएम शिंदे का बयान
जल रहे महाराष्ट्र को देखते हुए मराठा आरक्षण पर बनी मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, फडणवीस सरकार द्वारा लागू किए गए मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया था। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में एक क्यूरेटिव याचिका दायर कर रखा है। अब राज्य सरकार तीन जजों की एक विशेषज्ञ समिति बनाएगी। यह समिति सरकार को सलाह देगी कि सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर किस तरह आगे बढ़ा जाए।
कुनबी मराठा परिवारों की हुई पहचान
इसके साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि, सितंबर माह में बनाई गई न्यायमूर्ति संदीप शिंदे समिति ने अब तक एक करोड़, 72 लाख दस्तावेजों की छानबीन कर मराठवाड़ा क्षेत्र के 11,530 कुनबी मराठा परिवारों की पहचान की है। आगे की छानबीन के लिए समिति ने सरकार से समयावधि बढ़ाने की मांग की है। मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दे दी जाएगी। शिंदे के अनुसार, समिति ने मराठा कुनबी के रूप में जिन परिवारों की पहचान की है, उन्हें प्रमाणपत्र देने का काम मंगलवार से शुरू कर दिया जाएगा। बता दें कि, अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल के बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुए मराठा युवकों से हिंसा का मार्ग न अपनाने की अपील की है।
ये भी जानिए
जानकारी के लिए बता दें कि, राज्य में मराठा आरक्षण के कारण अशांति की आशंका को देखते हुए कई स्थानों पर राज्य परिवहन की बसों का आवागमन रोक दिया गया है। जिसके बाद परभणी से सांसद हेमंत पाटिल एवं भाजपा विधायक लक्ष्मण पवार ने मराठा आरक्षण के लिए चल रहे आंदोलन के समर्थन में अपने पद से त्यागपत्र देने की घोषणा की है। लक्ष्मण पवार बीड के गेवराई विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हैं।
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