इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Music: डेंगू एक ऐसी बीमारी जो आजकल देश में बढ़ी ही तेजी से फैल रही है। इस बीमारी के मरीजों की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा देखने को मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग व अन्य प्रसाशनिक विभाग इस पर काबू पाने के लिए जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं उसके बाद भी डेंगू के मरीजों में कमी नही आ पा रही है। इस बार डेंगू के नए स्ट्रेन ‘सीरोटाइप-2’ के मामले सामने आने लगे हैं जो कि घातक बताया गया है।
मच्छरों को भगाने के लिए लोग अनेक प्रकार के यत्न करते हैं उसके बाद भी मच्छर कानों में आकर भिन भिनाने लगते हैं। ऐसे में एक वैज्ञानिक बताते हैं कि जो Music आपको पसंद है वह मच्छरों के लिए किसी परेशानी से कम नहीं है। जी हां बेशक यह बात सुनने में अटपटी लगती हो लेकिन यह सच है। मच्छरों को तेज आवाज (Music) कतर्ई पसंद नहीं है। वैज्ञानिकों के सर्वे के अनुसार मच्छरों को हाई फ्रीक्वेंसी वाली आवाज बिल्कुल भी पसंद नहीं। ऊंची आवाज के चलते यह न तो किसी को काट सकते हैं और न ही प्रजनन कर पाते हैं।
अंधेरे में कैसे आप तक पहुंचता है मच्छर
हम आपको बता दें कि मच्छरों के सिर पर दो पंख होते हैं जो कि एंटीना का काम करते हैं। जिसका इस्तेमाल वह सुनने के लिए करते हैं। शोधकर्त्ताओं ने पाया कि इंसानों की गंध, शरीर से निकलने वाली गर्मी को मच्छर पहचाने में सक्षम होते हैं। वहीं मादा मच्छर इंसानों के खून को अहमियत देती है। कार्बन डाई आक्साइड छोड़ने वाले प्राणियों को मादा मच्छर सेंसिंग ऑर्गन्स के जरिए 30 फीट से भी ज्यादा दूरी से पहचान लेती है।
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