1. वेटिकन सिटी (Vatican City)
वेटिकन सिटी दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां कोई मुसलमान नहीं रहता। यह इटली की राजधानी रोम के पास स्थित है और यहां केवल ईसाई धर्म के अनुयायी ही रह सकते हैं। वेटिकन में मुसलमानों का आना पूरी तरह से वर्जित है, ठीक उसी तरह जैसे गैर-मुस्लिमों के लिए मक्का का प्रवेश प्रतिबंधित है। यहां की कुल आबादी लगभग 800 है, और यह एक धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
आखिर ऐसा क्या हुआ कि भगवान शिव को करना पड़ा कृष्ण के खास मित्र का वध, सच्चाई जान हिल जाएंगे आप!
2. टोकलाउ (Tokelau)
टोकलाउ एक छोटा द्वीप है और दुनिया के सबसे छोटे आर्थिक देशों में से एक है। यहां की कुल आबादी लगभग 1500 है, और यहां कोई मस्जिद या मदरसा नहीं है। मुसलमानों का बसना यहां पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इस द्वीप पर इस्लाम का प्रचार करने पर सख्त सजा का प्रावधान है, जो कभी-कभी मौत की सजा तक हो सकता है।
3. उत्तर कोरिया (North Korea)
उत्तर कोरिया में न केवल इस्लाम, बल्कि अन्य सभी धर्मों का पालन भी सख्त मना है। यहां मंदिर, मस्जिद और चर्च बनाना कानूनी अपराध माना जाता है। कुछ समय पहले यहां मुसलमानों की संख्या लगभग 3000 थी, लेकिन अब यह शून्य के करीब पहुंच चुकी है। यहां के तानाशाह किम जोंग उन नास्तिकता में विश्वास करते हैं और इस्लाम का प्रचार करने पर मौत की सजा भी हो सकती है।
यहां दर्द से चीखती हुई आती हैं आत्माएं, एकदम सामने दिखता है प्रेत… वैज्ञानिक भी राज खोलने में हुए फेल, एक बार गए तो होगा ऐसा हाल?
4. स्लोवाकिया (Slovakia)
स्लोवाकिया एक ऐसा देश है जहां आज तक एक भी मस्जिद नहीं बनी। यहां मुसलमान न तो मस्जिद बना सकते हैं और न ही मदरसे चला सकते हैं। यह देश कभी ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा था, लेकिन अब यहां मुसलमानों की आबादी बहुत कम है। यहां पर मुसलमानों पर कई तरह की पाबंदियां हैं, जो उनके धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करती हैं।
5. सोलोमन द्वीप (Solomon Islands)
सोलोमन द्वीप की कुल आबादी लगभग 7 लाख है, लेकिन मुसलमानों की संख्या 70 से भी कम है। 1995 में तबलीगी जमात द्वारा कुछ लोगों ने इस्लाम कबूल किया था, लेकिन अब यहां इस्लाम के प्रचार पर पूरी तरह से रोक है। यहां सिर्फ एक छोटी सी मस्जिद है, जिसके हटाने के लिए अक्सर विरोध होता है।
भूलकर भी दिवाली के दिन न करें मां लक्ष्मी कि आरती…घर में कदम रखने से पहले ही हो जाएंगी रुष्ट, ऐसे करें खुश?
निष्कर्ष
ये देश मुसलमानों के लिए नहीं सिर्फ एक भौगोलिक स्थान हैं, बल्कि यह दर्शाते हैं कि धार्मिक विविधता को स्वीकार करने में दुनिया के कुछ हिस्सों में चुनौतियां हैं। जहां एक ओर धर्मनिरपेक्षता का आदर्श स्थापित किया जाता है, वहीं कुछ स्थानों पर धार्मिक प्रतिबंधों की कठोरता भी देखने को मिलती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।