India News (इंडिया न्यूज), Hania Aamir Troll For Bindi: हाल ही में जब पाकिस्तानी अभिनेत्री हनिया आमिर ने अपने भारतीय प्रशंसकों को होली की शुभकामनाएं दीं, तो पाकिस्तानियों का पारा चढ़ गया। हालांकि, पाकिस्तानी कट्टरपंथियों का पारा होली की बधाई देने पर कम बल्कि हनिया आमिर के बिंदी लगाने पर ज़्यादा चढ़ा। इस बहस के बीच आइए जानते हैं कि मुस्लिम महिलाओं के बिंदी लगाने पर क्यों नाराज़गी होती है।
एक इस्लाम वेबसाइट के मुताबिक, इस्लाम में महिलाओं के लिए कपड़े पहनने से लेकर सजने-संवरने तक के नियम हैं। इस्लाम में महिलाओं को चेहरे और हाथों को छोड़कर शरीर के सभी हिस्सों को ढीले कपड़ों से ढकना चाहिए।
कपड़े पहनने के नियम
इस्लाम में शालीन कपड़े पहनने का एक और अहम नियम है। इस दौरान सूती, लिनन या रेशम जैसे प्राकृतिक कपड़े चुनने की सलाह दी जाती है, जो शरीर को अच्छी तरह से ढके और ज़्यादा न दिखें। मुस्लिम परिधानों के सबसे पहचाने जाने वाले प्रतीकों में से एक है सिर पर दुपट्टा यानी हिजाब। इस्लाम में इसे मानने वाली महिलाएं अपने सिर को हिजाब से ढकती नज़र आती हैं।
इस्लाम में बिंदी लगाना वर्जित
इस्लाम में बिंदी लगाना वर्जित है। यहां बिंदी लगाना स्वीकार नहीं किया जाता, क्योंकि यह हिंदू धर्म की परंपरा है। हिंदू धर्म में बिंदी एक महत्वपूर्ण प्रतीक है, जो विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए सोलह श्रृंगार का एक हिस्सा है।
इस्लाम में महिलाओं के लिए सादगी और शालीनता को प्राथमिकता दी जाती है, और बिंदी, सिंदूर को इस्लाम में स्वीकार नहीं किया जाता है। कुछ इस्लामी विद्वानों का मानना है कि बिंदी, सिंदूर और मंगलसूत्र जैसी चीजें इस्लाम के खिलाफ हैं, जबकि कुछ अन्य विद्वानों की इस बारे में अलग राय है।