Sikh American US Military Turban Beard सिखों की पगड़ी-दाढ़ी पर क्यों लगा बैन?

Sikh American US Military Turban Beard अमेरिकी सेना में सिखों की पगड़ी-दाढ़ी पर क्यों लगा बैन?

अमेरिकी सेना (United States Armed Forces) में अमेरिकी सिख अपनी पगड़ी (turbans), दाढ़ी (beards) रखने के लिए लड़ रहे हैं। पहले अमेरिका ने सिखों की धार्मिक आस्था का सम्मान किया था। लेकिन बाद में इसकी अनुमति रद कर दी गई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सिखों की दाढ़ी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अमेरिकी सेना (U.S. Armed Forces) का तर्क था कि दाढ़ी गैस मास्क की सील को खराब कर देती है।

1980 के दशक से पहले, संयुक्त राज्य सशस्त्र बलों ने वर्दी में रहते हुए दाढ़ी और पगड़ी की अनुमति दी थी। बाद में नियमों में बदलाव के कारण यूएस सशस्त्र बलों ने वर्दी में दाढ़ी के लिए अनुमति रद्द कर दी। इसमें उन सिखों को छूट दी गई थी जो 1986 से पहले सेना में भर्ती हुए थे।

वर्तमान रेगुलेशन ने एक बार फिर अमेरिकी सिखों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। जिसने सिख पुरुषों को बड़ी संख्या में संयुक्त राज्य सशस्त्र बलों में सेवा करने से रोक दिया है। (Sikh American Veterans Alliance)

लड़ाई अभी जारी है

अप्रैल 2021 में, फर्स्ट लेफ्टिनेंट सुखबीर सिंह तूर (Lieutenant Sukhbir Singh Toor) लंबे समय से चल रहे संघर्ष में नवीनतम बने। तूर मरीन कॉर्प्स (Marine Corps) में पहले सिख है। मरीन कॉर्प्स सेना की 246 साल पुरानी शाखा है। तून ने धार्मिक आस्था का हवाला देते हुए केश और पगड़ी (dastar (turban)) का अनुरोध किया था।

अमेरिकी सेना (U.S. military) दुनिया की सबसे बड़ी सेना में से एक है। इसमें सेना, नौसेना, वायु सेना, समुद्री कोर और तटरक्षक (Army, the Navy, the Air Force, the Marine Corps, and the Coast Guard) शामिल हैं। यह सेना व्यापक नस्लीय और जातीय असमानताओं की साक्षी रही है। आपको बता दें कि अमेरिकी सेना में सिखों की भागीदारी 100 साल से भी अधिक पुरानी है।

सुखबीर सिंह तूर ने 9/11 की रात को गठित एक अमेरिकी नागरिक अधिकार समूह, सिख गठबंधन से मदद मांगी। संगठन 2009 से अमेरिकी सेना सहित विभिन्न क्षेत्रों में समावेशिता के लिए अभियान चला रहा है। संगठन ने सिमरतपाल सिंह का भी प्रतिनिधित्व किया था, जिसमें कम से कम 20 अन्य सिख अधिकारी शामिल थे।

मरीन ने शुरू में सुखबीर सिंह तूर को केश और पगड़ी पहनने की इजाजत दी। युद्ध अभियानों या औपचारिक कर्तव्यों के दौरान इसकी अनुमति नहीं थी। तूर ने इसके खिलाफ अपील की और उन्हें सामान्य ड्यूटी पर पगड़ी पहनने की इजाजत दी, लेकिन औपचारिक कर्तव्यों के दौरान उन्हें पगड़ी पहनने से मना कर दिया।

पगड़ी पहनने से मना करने की वजह क्या है?

कोर की प्रवक्ता कर्नल केली फ्रुशोर (Colonel Kelly Frushour) ने एक इंटरव्यू में कहा कि टीम बॉन्ड बनाने के लिए एकरूपता महत्वपूर्ण होती है। जो युद्ध के वातावरण में दस्ते की मदद करता है। उन्होंने बताया कि मरीन कॉर्प्स की संपूर्णता का प्रतिनिधित्व करती हैं इसलिए, हम जनता के सामने एक तटस्थ छवि पेश करने का प्रयास करते हैं। सुखबीर सिंह तूर के लिए, यह पर्याप्त नहीं था।

तूर ने वाइस को दिए बयान में कहा था कि अब, वे केवल धार्मिक आस्था को पूरा करने के लिए हक मांग रहे हैं। उनकी पगड़ी और दाढ़ी को स्थायी रूप से अनुमति मिलनी चाहिए ताकि वे एक बार फिर से अपने विश्वास के प्रति सच्चा रह सकें। सुखबीर सिंह तूर ने उन दो चीजों के लिए प्रतिबद्ध होने की इच्छा व्यक्त की जो उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय हैं। और वे हैं उनका विश्वास और उनका देश अमेरिका।

तूर ने अब कोर के फैसले के खिलाफ अपील की है। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि वे अभियान के अंतिम छोर पर हैं। इस बदलाव को देखने के लिए हमें अदालत जाने की आवश्यकता नहीं हो सकती है। लेकिन अगर अदालत जाना होगा तो वे जाएंगे।

इसके पक्ष और विपक्ष में तर्क

सिख गठबंधन ने बार-बार तर्क दिया है कि सैन्य सदस्यों को उनके धर्म के अनुसार अपनी उपस्थिति बनाए रखने की अनुमति नहीं देना 1993 (Religious Freedom Restoration Act of 1993) के धार्मिक स्वतंत्रता बहाली अधिनियम का उल्लंघन है। अधिनियम एक संयुक्त राज्य संघीय कानून (United States federal law) है जो सुनिश्चित करता है कि धार्मिक स्वतंत्रता (religious freedom) में हितों की रक्षा की जाती है।

हालांकि, सेना ने तर्क दिया है कि पगड़ी और दाढ़ी के निरंतर पहनने से वर्तमान विनियमन का उल्लंघन होता है। जो गैस मास्क के उपयोग सहित स्वास्थ्य, सुरक्षा और मिशन की आवश्यकताओं को पूरा करने से जवानों के लिए परेशानी खड़ी करेगा।

वर्षों में नीति परिवर्तन

1981 में, पेंटागन द्वारा एक नीति परिवर्तन ने अमेरिकी सेना में सिखों को दाढ़ी, लंबे बाल और पगड़ी जैसे आस्था के प्रतीक धारण करने से मना कर दिया था।

अमेरिकी सेना ने 2017 में नए दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें धार्मिक आवास की अनुमति दी गई थी, जिसमें सिखों और दाढ़ी पहनने के लिए धार्मिक दायित्व वाले अन्य सैनिकों की जरूरतों को मान्यता दी गई थी।

वायु सेना ने 2020 में एयरमैन के लिए इसी तरह के नियमों का पालन किया। हालांकि, नौसेना, मरीन, तटरक्षक बल और अंतरिक्ष बल ने अभी तक सिख सैनिकों के लिए धार्मिक दायित्व नहीं बनाया है। अधिकांश राज्य बल राष्ट्रीय सेवा शाखा द्वारा निर्धारित दिशानिदेर्शों का पालन करते हैं।

इन्होंने लड़ाई जीती

कमल कलसी

वर्ष 2009 में कमल कलसी अमेरिकी सेना के लिए एक समान आवास प्राप्त करने वाले पहले सिख अमेरिकी सैनिक बने। उन्हें दस्तार पहनकर और दाढ़ी रखते हुए सेवा जारी रखने की अनुमति दी।

कैप्टन सिमरतपाल सिंह

2016 में, कैप्टन सिमरतपाल सिंह को लंबे बाल, दाढ़ी और पगड़ी के साथ सेवा करने की इजाजत मिली। वे अमेरिकी सेना में तैनात थे।

हरप्रीतिंदर सिंह बाजवा

वर्ष 2019 में, संयुक्त राज्य वायु सेना ने एक सिख एयरमैन हरप्रीतिंदर सिंह बाजवा को पगड़ी और दाढ़ी रखने की अनुमति दी। वे पहले ऐसे एयरमैन थे, जिन्हें यह अनुमति दी गई थी। सक्रिय ड्यूटी के दौरान एयरमैन हरप्रीतिंदर सिंह बाजवा को छूट दी गई थी कि वे ड्यूटी के दौरान पगड़ी, दाढ़ी और बिना कटे बालों को रख सकते थे।

Durga Puja Idol Immersions 2021 मूर्ति विसर्जन के बाद प्रदूषित हुई नदियां

Rains in Uttarakhand Kerala and Delhi इतनी बारिश क्यों हो रही है?

Pig Kidney Transplant in Human Body दुनिया का पहला सुअर का गुर्दा मनुष्य में प्रत्यारोपित

Connect With Us : Twitter Facebook

Amit Gupta

Managing Editor @aajsamaaj , @ITVNetworkin | Author of 6 Books, Play and Novel| Workalcholic | Hate Hypocrisy | RTs aren't Endorsements

Recent Posts

67 साल पहले अंतरिक्ष पर भेजा गया वो कुत्ता जो कभी नही लौट पाया वापस, जानें उसने स्पेस में कितने जुल्म सहे!

First Animal in Space: अंतरिक्ष एजेंसियां ​​चांद पर इंसानों को बसाने का सपना देख रही…

10 mins ago

PM Modi और Meloni का देखने का अंदाज हुआ वायरल, G20 की सबसे चर्चित फोटो पर बन रहे ताबड़तोड़ मीम

PM Modi Meets Giorgia Meloni: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो…

10 mins ago

DTC बसों की हड़ताल से दिल्लीवाले हुए परेशान, यात्रियों को करना पड़ा अफरा-तफरी का सामना

India News (इंडिया न्यूज),Delhi Bus Strike Update: दिल्ली की सरकारी डीटीसी बसों में सफर करने वाले…

19 mins ago

बाड़मेर नगर परिषद में बवाल! विधायक बोली किसने खाए 125 करोड़ रुपये; जानें पूरा मामला

India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan News: राजस्थान के बाड़मेर में सोमवार को आयोजित नगर परिषद की…

20 mins ago

Bageshwar Dham Sarkar: धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान, हिंदू एकता के बिना नहीं पहनेंगे खड़ाऊ….जाने क्यों किया ये जिक्र

India News (इंडिया न्यूज), Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक…

31 mins ago

पति के खिलाफ चुनाव लड़ रही ये नेता, ससुराल बना दुश्मन…लाइव रैली में रो-रोकर बताया दर्द

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव चल रहे हैं, इस दौरान कई दिलचस्प मामले…

33 mins ago