इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली।
success story of havells and kimat rai gupta in hindi हेवल्स (Havells) का नाम आपको बाजार में प्रमुखता से दिखेगा। आज ये नाम किसी भी परिचय का मोहताज नहीं है। अधिकांश लोग इसके नाम को सुन कर ये अंदाजा लगा लेते हैं कि ये कोई विदेशी ब्रांड है लेकिन आपको बता दें कि हेवल्स एक शुद्ध देसी ब्रांड है। हेवल्स का सफर शुरू हुआ था ‘हवेली राम गांधी’ के नाम से. इसके बाद जब इसकी कमान कीमत राय गुप्ता के हाथ में आई और इस तरह हवेली राम गांधी बन गया हेवल्स।
सन 1937 में अविभाजित भारत के मलेरकोटला (Malerkotla) के एक छोटे से गांव में जन्मे कीमत राय गुप्ता ने अपनी आजीविका के लिए सबसे पहले एक टीचर के रूप में काम करना शुरू किया, लेकिन उनका सपना कुछ बड़ा करने का था। यही वजह थी कि तब 21 वर्षीय किमत राय गुप्ता (Kimat Rai Gupta) सन 1958 में दिल्ली चले आए। उनकी जेब में तब 10 हजार रुपये थे। उन्हें इन्हीं पैसों से अपने लिए कुछ नया शुरू करना था। (Success story of havells and kimat rai gupta in hindi : A teacher made ‘Haveli Ram Gandhi’ the Havells brand)
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दिल्ली आने के बाद कीमत राय ने भागीरथ पैलेस के मार्केट में अपने ही एक रिश्तेदार के पास इलेक्ट्रॉनिक का काम सीखा और फिर सही समय देख कर कुछ समय बाद ही अपनी खुद की दुकान शुरू कर ली। कीमत राय हवेली राम गांधी के डिस्ट्रीब्यूटर थे। ये सन 1971 की बात है जब उन्हें ये जानकारी मिली कि हवेली राम गांधी आर्थिक तंगी के कारण अपनी कंपनी बंद करने के बारे में सोच रहे हैं. उन्हें इसे बेचना था और कीमत राय अपने काम को बढ़ाने की धुन में थे।
उस समय इतने पैसे नहीं थे कि वह एक कंपनी खरीद सकें लेकिन उन्हें यकीन था कि वह इस ब्रांड के साथ अपने सामान को अच्छे दाम पर बेच सकेंगे। इसके बाद उन्होंने जैसे-तैसे पैसों का इंतज़ाम किया। फिर बात चली और 7 लाख में सौदा पक्का हो गया। इस तरह हवेली राम गांधी बन गया कीमत राय गुप्ता का HAVELLS.
इस कंपनी को तब इलेक्ट्रॉनिक बाजार में कोई विशेष पहचान नहीं मिली थी. कीमत राय गांधी ने लोकल मार्केट से HAVELLS का बिजनेस बढ़ाना शुरू किया. कीमत राय गुप्ता इस क्षेत्र में 10 साल से अधिक समय का अनुभव प्राप्त कर चुके थे. उन्हें इस बात का सही सही अनुमान लग चुका था कि ग्राहक को क्या पसंद है और क्या नहीं. इस ब्रांड को खरीदने के बाद उन्होंने इसके साथ ट्रेडिंग की और साल 1976 में उन्होंने दिल्ली के कीर्ति नगर में अपना पहला स्विचेस और रिचेंगओवर का एक मेनीफेक्चरिंग प्लांट (manufacturing plant) लगाया।
समय बढ़ता रहा और इसके साथ ही कीमत राय का कारोबार भी बढ़ता रहा. उन्होंने साल 1979 में बादली और 1980 में तिलक नगर में दो बड़े एनर्जी मीटर बनाने के प्लाट स्थापित किये। ये साल 1980 ही था जब कीमत राय गुप्ता ने Havells India Private limited की स्थापना की। उनके निरंतर आगे बढ़ते रहने का सबसे बड़ा कारण यही था कि उन्होंने अपने ब्रांड की अच्छी क़्वालिटी को और बेहतर बनाने पर लगातार काम किया। कंपनी के तेजी से आगे बढ़ने के साथ साथ कंपनी के प्रोडक्ट की मांग भी बढ़ने लागी। इसके बाद उन्होंने हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी अपनी कंपनी के इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट बनाने के प्लांट स्थापित कर दिए।
2007 में कीमत राय गुप्ता ने जर्मनी की एक बड़ी कंपनी SYLVANIA को खरीदने का फैसला किया। जर्मनी की यह कंपनी उस दौर में Havells से कई गुना बड़ी थी। यही कारण था इसे अपने अधिग्रहण में लेने का फैसला इतना आसान नहीं था। लेकिन कीमत राय गुप्ता ने एक बार जो ठान लिया उसे वह पूरा कर के ही दम लेते थे। SYLVANIA को खरीदने के बाद 2008 में मार्केट में आई मंदी के कारण को इसे बड़ा घाटा भी हुआ। इस संबंध में मार्केट के बड़े सलहकारों ने इसे बेचने की सलाह भी दी लेकिन कीमत राय गुप्ता को खुद पर विश्वास था। उन्होंने ये कंपनी नहीं बेची. ये कीमत राय का विश्वास और उनके बेटों की मेहनत ही थी कि साल 2010 SYLVANIA कंपनी मार्केट में फिर से खड़ी हो गई।
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