India News (इंडिया न्यूज), Mughal Emperors And Hindu Girls : भारत के इतिहास में कई मुगल बादशाह हुए हैं जिन्होंने हिंदू लड़कियों से शादी की है। ऐसा भी कहा जाता है कि अगर उन्हें कोई हिंदू राजकुमारी पसंद आ जाती थी तो वे उसे पाने के लिए युद्ध भी लड़ लेते थे। वे हिंदू लड़कियों से सिर्फ शारीरिक संबंध बनाने के लिए उनसे अस्थायी निकाह भी करते थे। मुगल बादशाहों या राजकुमारों ने यौन सुख पाने के लिए अस्थायी निकाह किया। लेकिन ऐसी शादियों में कभी भी पूर्ण पत्नी होने का दर्जा नहीं मिलता था।

दारा शिकोह का भी यही हाल था

शाहजहां के बड़े बेटे दारा शिकोह ने भी कुछ ऐसा ही किया था। दारा का दिल एक हिंदू नर्तकी पर आ गया था। वह हिंदू नर्तकी दरबार में नृत्य करती थी। दारा शिकोह हिंदू नर्तकी राना-ए-दिल से संबंध बनाने के लिए आतुर हो गया और उसे किसी तरह पाने के बारे में सोचने लगा। दरअसल, इस्लाम में चार तरह के निकाह होते हैं, सहीह, बातिल, फसीद, मुता। इनमें से मुता ऐसी शादी है जिसमें महिला को पूर्ण पत्नी होने का दर्जा नहीं मिलता।

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शाहजहां थे खिलाफ

दारा शिकोह हिंदू नर्तकी के प्यार में इस कदर पागल था कि वह दिन-रात राणा से प्यार करने लगा था। जब शाहजहां को इस बात का पता चला तो वह किसी भी हालत में अपने बेटे की शादी नर्तकी से नहीं करना चाहता था। हालांकि, राणा ने शुरुआत में दारा के प्यार को नजरअंदाज किया। इसके अलावा राणा ने बिना शादी के दारा से शारीरिक संबंध बनाने से भी इनकार कर दिया। दारा शिकोह की हालत देखकर शाहजहां ने हार मान ली और अपने बेटे को राणा से शादी करने की इजाजत दे दी, लेकिन यह शादी मुता थी। इसके बाद दोनों ने मुता के मुताबिक शादी कर ली। दारा शिकोह की मौत तक राणा एक अस्थायी पत्नी रहीं। वह सिर्फ दारा की शारीरिक जरूरतों को पूरा करती थीं।

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