India News (इंडिया न्यूज), Mysterious Warship: दुनिया में कई रहस्यमयी घटनाएं हुई हैं, जिनकी गुत्थी आज तक नहीं सुलझ पाई है। आम इंसान तो दूर इन घटनाओं के बारे में वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही जहाज के बारे में बताने जा रहे हैं। यह एक विशालकाय युद्धपोत की कहानी है, जो रहस्यमयी तरीके से डूब गया। इस युद्धपोत का नाम वासा था, जो दुनिया का सबसे हाईटेक युद्धपोत था। इसकी शुरुआत साल 1628 में स्टॉकहोम की खाड़ी से हुई थी। यह अपनी पहली ही यात्रा में डूब गया, जिसका रहस्य आज भी बना हुआ है।

स्वीडन के राजा गुस्ताव द्वितीय एडोल्फ ने इस युद्धपोत का निर्माण कराया था। यह 68 मीटर लंबा जहाज था, जिसमें 64 तोपें लगी हुई थीं। गुस्ताव द्वितीय एडोल्फ अपनी नौसेना के लिए ज्यादा से ज्यादा युद्धपोत बनाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने इस विशाल जहाज के निर्माण का आदेश दिया। यह दुनिया के शुरुआती युद्धपोतों में से था, जिसमें तोपों के दो डेक थे। वासा स्वीडन की नौसेना का अग्रणी युद्धपोत होता, लेकिन इस विशाल और सुसज्जित जहाज की शान ज्यादा दिन तक नहीं टिकी। अपनी पहली यात्रा में ही यह जहाज महज 20 मिनट में डूब गया और इसके 30 यात्रियों की मौत हो गई।

यह सालों तक समुद्र की तलहटी में पड़ा रहा

युद्धपोत वासा तीन सौ साल तक समुद्र की तलहटी में पड़ा रहा। इसके बाद पुरातत्वविदों ने इसे बाहर निकाला। उन्होंने इस जहाज को संरक्षित किया और इसे स्कैंडिनेविया के सबसे लोकप्रिय संग्रहालय में बदल दिया है। वासा के तुरंत डूबने की कहानी नौसेना के जहाजों के स्थापत्य इतिहास का सबसे बड़ा रहस्य है। इसे सबसे बड़ी विफलताओं में भी शामिल किया जाता है।

तूफानी हवाओं के कारण जहाज एक तरफ झुक गया। दुर्भाग्य से तोप की बैरल के लिए बनाए गए छेद खुले थे। उन छेदों से पानी आने लगा, जिससे जहाज और झुकने लगा और आखिरकार डूब गया। इस जहाज की पहली यात्रा को देखने के लिए भीड़ उमड़ी थी। यह जहाज उनकी आंखों के सामने समुद्र में डूब गया। इस विफलता को राष्ट्रीय आपदा बताया गया।

क्या थी डूबने की वजह

जहाज के डूबने की जब जांच की गई तो पता चला कि जहाज असंतुलित था, लेकिन इसकी वजह क्या थी, यह आज भी बहस का विषय है। कुछ इतिहासकारों का मानना ​​है कि जहाज का डिजाइन गलत था। दूसरे मानते हैं कि जहाज पर तोपों का वजन ठीक से वितरित नहीं किया गया था। वासा को लकड़ी पर विस्तृत नक्काशी से सजाया गया था। इसकी नक्काशी स्वीडन के शाही परिवार की कहानियां बयां करती थी।

300 साल तक समुद्र की तलहटी में पड़े रहने के बाद 1956 में इसकी खोज हुई। इसे निकालने में पांच साल लग गए। 1961 में जब जहाज खाड़ी से बाहर आया तो विशेषज्ञों ने देखा कि जहाज की लकड़ी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। लकड़ी पर की गई नक्काशी भी सुरक्षित थी। इस जहाज को अब स्टॉकहोम का वासा संग्रहालय कहा जाता है।

शाहपुर गांव में आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मंत्री कृष्ण लाल पंवार, मंत्री ने गिनाई ट्रिपल इंजन सरकार की खूबियां

कैसे सुरक्षित रहा?

वासा के सुरक्षित रहने की एक वजह यह भी थी कि यह बाल्टिक सागर में डूब गया था। बाल्टिक सागर में ठंड और ऑक्सीजन की कमी ने जहाज को बैक्टीरिया और लकड़ी खाने वाले कीड़ों से बचाया। बाल्टिक सागर के ताजे पानी में लकड़ी खाने वाले कीड़े उतने नहीं हैं जितने खारे पानी में हैं। संग्रहालय ने जहाज के डूबने और 300 साल बाद उसके वापस आने की एक वीडियो डॉक्यूमेंट्री भी बनाई है, जिसे दर्शकों को दिखाया जाता है।

अजीत पवार के इफ्तार पार्टी में दिए गए बयान से BJP में मचा बवाल, CM फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री को लेकर कह दी बड़ी बात