India News (इंडिया न्यूज), Mangalore Temple Discovery: दक्षिण भारत के एक जिले से एक बेहद हैरान करने वाली खबर सामने आई है। हाल ही में मंगलुरु के पेदामाले गांव में दर्जनों समस्याएं सामने आ रही थीं। गांव में जहां भी जाते, सांप नजर आता। आखिरकार हर घर में सांप दिखने लगे। इसलिए इस सांप की हरकतें पूरे गांव के लिए रहस्य बन गई थीं। रास्ता न मिलने पर गांव वालों ने सवाल उठाने और सोचने शुरू कर दिए। उन्हें तुरंत ही इस बात का अंदाजा हो गया कुछ गड़बड़ है, उनके आस-पास कोई शक्ति मौजूद है।

वाजिलादाई मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरिधर शेट्टी ने बताया कि थोड़ी सफाई करते समय सभी ने देखा कि वाजिलादाई मंदिर का पत्थर रुक गया है। वेंकटकृष्ण भट्ट के पास इससे संबंधित दस्तावेज हैं।

मिली देवता की निशानी

कहते हैं कि करीब 700 साल पहले यहां मंदिर बना था, लेकिन फिर उसका क्या हुआ, यह पता नहीं है। करीब 300 साल पहले नागदेवस्थान जमीन के नीचे चला गया। बाद की पीढ़ियों तक यहां मंदिर का कोई निशान नहीं रहा। लेकिन अब वही भगवान दिखाई दे रहे हैं। इस तरह नागब की खुदाई करते समय मंदिर का पत्थर मिला। इसकी जांच करने वाले पुरातत्वविदों ने बताया कि यह 700 साल पुराना पत्थर है। इसलिए गांव के लोग मिलकर एक विशाल मंदिर बना रहे हैं।

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भावनात्मक एकता की मिसाल

News 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार गांव वालों ने मंदिर निर्माण के लिए खुद जमीन दी और ईसाई समुदाय के एक व्यापारी ने सड़क बनाने की जिम्मेदारी ली। उन्होंने लाखों रुपए भी दान किए। इसके जरिए उन्होंने भावनात्मक एकता का बड़ा काम किया है।

मंदिर को दान देने वाले मिन्नायास ने कहा कि मैंने जितना हो सका उतना दान कर दिया है। मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। हम भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे। मंदिर का निर्माण लगभग अंतिम चरण में है और 18 फरवरी को ब्रह्म कलश की स्थापना की जाएगी। संक्षेप में कहें तो विज्ञान चाहे कितनी भी तरक्की कर ले, लेकिन यह बात बार-बार साबित हो रही है कि भगवान और देवी-देवताओं के सामने इंसान कुछ भी नहीं है।

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