India News (इंडिया न्यूज़), Cannibalism Case: क्या पहले के वक्त में इंसान नरभक्षी थे? एक-दूसरे को मारकर खा जाते थे? अपनी हालिया रिसर्च में वैज्ञानिकों ने इसे लेकर कई खुलासे किए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसे प्रमाण मिले हैं जो ये दर्शाते हैं कि हमारे पूर्वज नरभक्षी रहे होंगे। प्रमाण यह बताते हैं कि इंसान के पूर्वज संभवत: जिंदा रहने के लिए एक-दूसरे को मारकर खाते होंगे।

साइंटिफिक जर्नल में प्रताशित हुई एक रिपोर्ट के अनुसार, केन्या में 1.45 मिलियन साल पुराने इंसानी पूर्वज की मिली हड्डियां इसे लेकर कई खुलासे करती है। इंसानी पूर्वज के पैर की हड्डी में 9 जगह कटने के निशान बने हैं। जो कि इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि इंसानों के बीच मौत से पहले हालात सामान्य नहीं थे।

रिसर्च में अमेरिका में स्मिथसोनियन नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के शोधकर्ताओं ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उनके मुताबिक किसी पत्थर के औजारों से पैर की हड्डी को नुकसान पहुंचाया गया है। जिसे देखकर बताया जा सकता है कि इंसानों की प्रजाति से जुड़ा हुआ यह नरभक्षण का सबसे पुराना मामला हो सकता है।

औजारों से पैरों को पहुंचाया गया नुकसान

शोधकर्ता ब्रियाना पोबिनर का इसे लेकर ये कहना है, “हमने पैरों पर दिखने वाले मार्क्स की एनालिसिस की। जिसमें दो मार्क्स किसी शेर जैसे जानवर और 9 निशान ऐसे थे मानो किसी इंसान ने उसका शिकार करके खाया हो। अवशेष देखकर लगता है कि उसकी हत्या पत्थर के हथियार से की गई हो।” ब्रियाना पोबिनर ने आगे कहा, “पैरों में नीचे की तरफ डैमेज होने का निशान देखा जा सकता है। पैर पर डैमेज होने का ये निशान देखा गया था। जानवर के जिस हिस्से का इस्तेमाल पकाने और खाने में किया जाता था।”

100 फीसदी पुष्टि होना है बाकि

शोधकर्ताओं के अनुसार, अब तक ये जो प्रमाण सामने आए हैं उसे देख लगता है कि उस वक्त में पैरों का मांस खाने का चलन था। इस मांस को शरीर को हष्टपुष्ट तथा पोषण देने के लिए खाते थे। रिपोर्ट में बताया गया कि इंसान के नरभक्षी होने के प्रमाण केन्या के नैरोबी संग्राहलय में सबसे पहले मिले थे। जिसके बाद फ्रांस में ला रोश कॉटर्ड की गुफा में इंसानों के अवशेष मिले। उससे इंसानों के पूर्वज के नरभक्षी होने की कई बातें सामने आई हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि अभी इसकी 100 प्रतिशत की पुष्टि होना बाकि है।

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