India News(इंडिया न्यूज़),Aurangzeb History: मुग़ल सल्तनत के नाम पर इतिहास में जिस शख्स का नाम सुनकर लोगों की रूह काँप जाती है, वो है औरंगज़ेब। इनका जन्म हुआ 4 नवंबर 1618 को गुजरात के दोहद में, नाम रखा गया अबुल मुजफ्फर मुहिउद्दीन मुहम्मद मगर तारीख़ ने उसे याद रखा ‘ज़ालिम औरंगज़ेब’ के नाम से। शाहजहाँ और मुमताज़ का ये बेटा वक्त के साथ इतना खूँख़्वार बन गया कि अपने ही ख़ून के रिश्तों को काट डाला।

  • गद्दी के लिए भाइयों को उतारा मौत के घाट
  • हिन्दुओं पर किया खूब जुल्म

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गद्दी के लिए भाइयों को उतारा मौत के घाट

साल 1656 में जब शाहजहाँ बीमार पड़े, तो औरंगज़ेब ने मौके का फ़ायदा उठाया। अपने तीन भाइयों दारा शिकोह, शाह शुजा और मुराद बख्श को एक-एक करके रास्ते से हटाया। दारा को सरेआम सिर कलम करवाया, मुराद को जहर देकर मरवाया, और शाह शुजा को जंग में हराकर भगा दिया। बूढ़े बाप शाहजहाँ को आगरा के किले में कैद कर दिया, जहाँ उन्होंने ताजमहल की खिड़की से आखिरी साँसें गिनीं।

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हिन्दुओं पर किया खूब जुल्म

औरंगज़ेब का राजपाट हिन्दुओं के लिए अँधेरा ज़माना लेकर आया। उसने काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर समेत सैकड़ों मंदिरों को तुड़वा डाला। हिन्दुओं पर जज़िया कर लादा गया, जिससे ग़रीबों की हालत बदतर हो गई। लाखों को जबरन इस्लाम कबूल करने पर मजबूर किया गया। दरबारी इतिहासकार भी लिख गए। औरंगज़ेब के फरमानों ने हिन्दुस्तान की रूह को घायल कर दिया। औरंगज़ेब की सबसे बड़ी गलती थी छत्रपति शिवाजी को कम आँकना। शिवाजी की गुरिल्ला युद्ध नीति ने उसे घुटने टिकवा दिए। दक्कन की जंगों में उलझकर मुग़ल ख़ज़ाना खाली हो गया, और सल्तनत कमज़ोर पड़ने लगी। यही वजह है कि औरंगज़ेब की मौत (1707) के बाद मुग़ल साम्राज्य बिखर गया।