India News (इंडिया न्यूज), Terrorist Kasab: हर रात की सुबह होती है, लेकिन 16 साल बाद देश की राजधानी 26/11 हमले से उबर चुकी है, लेकिन जख्म अभी भी ताजा हैं। आज भी कोई उन सैकड़ों लोगों की मौत और न ही उन शहीद पुलिसकर्मियों को भूल पाया है। इस कोहराम में एक आतंकी जिंदा पकड़ा गया था, जिसका नाम अजमल आमिर कसाब था। देश की आर्थिक राजधानी में तबाही मचाने वाले 10 आतंकियों में वह भी शामिल था। कसाब को मौत की सजा सुनाई गई और उसने फांसी से पहले टमाटर की मांग की। आइए जानते हैं उसने ऐसा क्यों किया।
मुंबई हमले के अगले दिन जुहू चौपाटी से कसाब को गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक अधिनियम, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और कई अन्य कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया था। 2009 से 2010 तक इस मामले की सुनवाई विशेष अदालत में चली। इसके बाद 3 मई को अदालत ने सजा सुनाते हुए अजमल कसाब को मुंबई आतंकी हमलों का दोषी करार दिया और 6 मई को उसे फांसी की सजा सुनाई।
Terrorist Kasab
कसाब ने दया याचिका की अपील की थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। चार साल तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद आखिरकार 21 नवंबर 2012 को सुबह 7.30 बजे पुणे की यरवदा जेल में उसे फांसी दे दी गई। फांसी से पहले कसाब के आखिरी शब्द थे कि मैं अल्लाह की कसम खाता हूं कि मैं ऐसी गलती दोबारा कभी नहीं करूंगा, अल्लाह मुझे माफ कर दे।
कसाब को एक दिन पहले मंगलवार को फांसी की सूचना दी गई, जिसके बाद वह शांत रहा। सुबह छह बजे जब वह उठा तो उसने सबसे पहले नमाज पढ़ी और फिर जेल अधिकारियों से दो टमाटर मांगे। हालांकि, यह पता नहीं चल सका कि उसने टमाटर क्यों मांगे थे। लेकिन यह सच है कि मरने से पहले उसने दो टमाटर मांगे और जेल अधिकारी उसके लिए टमाटरों की एक टोकरी लेकर आए। उसने दो टमाटर उठाए और उनमें से सिर्फ़ एक खाया, लेकिन उसने ऐसा क्यों किया, इसका रहस्य कसाब के साथ आज भी बना हुआ है।