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विज्ञान की दुनिया की सबसे बड़ी खोज हुई लीक, 17 हजार साल पुराने इस बच्चे ने वैज्ञानिकों को भी कर दिया सन्न!

Prachi Jain • LAST UPDATED : October 25, 2024, 3:35 pm IST

India News (इंडिया न्यूज), The World’s Biggest Discovery Of Science: इटली की हरी-भरी वादियों में, मोनोपोली नामक शहर के पास एक प्राचीन गुफा थी—ग्रोट्टा डेल्ले मुरा। एक समय में यह गुफा एक शांत जगह मानी जाती थी, लेकिन 1998 में यहां खुदाई के दौरान कुछ ऐसा मिला, जिसने हर किसी को चौंका दिया।

खुदाई कर रहे पुरातत्वविदों

खुदाई कर रहे पुरातत्वविदों ने एक छोटे बच्चे का कंकाल पाया। यह कोई साधारण खोज नहीं थी—इस कंकाल की उम्र करीब 17,000 साल आंकी गई। माना जा रहा था कि यह बच्चा हिमयुग के दौरान रहता था, उस समय जब जीवन बेहद कठिन और प्राकृतिक कठिनाइयों से भरा हुआ था। इस बच्चे का कंकाल दो विशाल चट्टानों के बीच बेहद सुरक्षित ढंग से छुपा हुआ था, मानो किसी ने उसे संजो कर रखा हो।

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कहते हैं कि यह बच्चा मात्र 16 महीने का था जब उसकी मृत्यु हुई। वैज्ञानिकों ने इस कंकाल का डीएनए विश्लेषण किया और उसमें छुपे कई रहस्यों का पता चला। शोध के मुताबिक, उस बच्चे की नीली आंखें, घुंघराले गहरे भूरे बाल, और काली त्वचा थी। उस समय के बाकी लोगों की तुलना में उसकी त्वचा का रंग अधिक गहरा था, लेकिन उष्णकटिबंधीय जलवायु के लोगों जितना काला नहीं था।

शोधकर्ताओं को शक

इस बच्चे की मां गंभीर कुपोषण का शिकार थी। शोधकर्ताओं को शक है कि यह बच्चा अंतःप्रजनन प्रथा का परिणाम था, जिसमें परिवार के सदस्य ही एक-दूसरे से प्रजनन करते थे। वैज्ञानिकों ने इसे उस युग की प्रथाओं का हिस्सा बताया, जब जीवन का अस्तित्व ही चुनौती थी।

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आगे चलकर वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि यह बच्चा शायद “विलाब्रुना” जनजाति का पूर्वज था। ये लोग हिमयुग के बाद बसे और बदलती जलवायु में जीवन यापन करने लगे। इनके रहन-सहन, खानपान, और परंपराएं आने वाली पीढ़ियों के लिए नई दिशाएं निर्धारित करने वाली थीं।

यह तो थी केवल एक शुरुआत

लेकिन यह तो केवल एक शुरुआत थी। इस खोज से प्रेरित होकर पुरातत्वविदों ने अन्य प्राचीन अवशेषों की भी जांच की। एक जगह, वाइकिंग युग के एक व्यक्ति के दांतों पर अजीबो-गरीब खांचे भरे हुए मिले। शोध से पता चला कि उस समय वाइकिंग्स अपने दांतों में खांचे भरवाकर अपने समाज में एक विशेष पहचान पाते थे, खासकर व्यापारी वर्ग में। यह उनके समाज में दीक्षा अनुष्ठानों का हिस्सा था, जो उनके सामाजिक और व्यावसायिक पहचान का प्रतीक बन गया था।

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इस तरह से, उस प्राचीन गुफा से मिले छोटे से बच्चे के अवशेष ने हजारों साल पहले के इंसानी जीवन के रहस्यों से पर्दा उठाया। यह एक अनोखी और रहस्यमय दुनिया थी, जहां कड़वी सच्चाइयां और कठिन परिस्थितियां इंसानों को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में परीक्षा देती थीं, लेकिन फिर भी, इन लोगों ने अपने जीवन की कहानी लिखी—एक कहानी जो सदियों बाद भी हमारी समझ से परे है, लेकिन अपने आप में अमूल्य है।

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