इंडिया न्यूज़, आगरा:
ताजनगरी में पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों का रोमांच दोगुना करने के लिए पीएम मोदी ने हेलीपोर्ट का शिलान्यास किया था। जिससे पर्यटक आगरा में ताजमहल समेत अन्य स्मारकों का ‘हवाई दीदार’ कर सकें। मगर, बजट के अभाव में हेलीपोर्ट बनाने का काम अधूरा पड़ा है। योगी सरकार ने एक बार फिर निर्देश दिए है कि जिन जिलों में हेलीपोर्ट बनाए जाने हैं। उसके काम में तेजी लाई जाए। इसके चलते ही अब पर्यटन विभाग ने 19 लाख रुपए की धनराशि के लिए सरकार को पत्र लिखा है। जिससे हेलीपोर्ट का अधूरा काम पूरा हो कराया जाए और उड़नखटोले से पर्यटक ताजमहल समेत अन्य स्मारकों का ‘हवाई दीदार’ कर सके।
संरक्षित स्मारकों के पास नो फ्लाई जोन
इस प्रोजेक्ट को पुनः शुरू किये जाने पर आगरा के पर्यटन कारोबारी और पर्यटकों की उम्मीद बढ़ गई है। अब बड़ा सवाल यह है कि ताजमहल सहित अन्य स्मारक संरक्षित हैं। ऐसे में संरक्षित स्मारकों के पास नो फ्लाई जोन है। स्मारकों के हवाई दीदार के लिए हेलीकॉप्टर का रूट क्या होगा? इसको लेकर पर्यटन विभाग के अधिकारी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( एएसआई) के अधिकारी बैठकर मंथन करेंगे और इसकी गाइडलाइन तैयार की जाएगी।
इसके बाद ही पर्यटकों को हेलीकॉप्टर से ताजमहल सहित अन्य स्मारकों का दीदार कराने का रूट तय होगा। योगी सरकार की मंशा इस हेलीपोर्ट को पीपीपी मोड पर संचालित करने की है। इसके लिए जल्द ही विभाग टेंडर जारी करेगा। यह हेलीपोर्ट की सुविधा उत्तर प्रदेश के चार शहरों में शुरू होनी है। जिनमे लखनऊ, प्रयागराज, मथुरा सहित ताजनगरी में भी पर्यटक हेलीपोर्ट बन जाने पर ताजमहल सहित अन्य स्मारकों के हवाई दीदार कर सकेंगे।
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