इंडिया न्यूज,प्रयागराज:
airpollution in pryagraj प्रदूषण से प्रयागराज का भी बुरा हाल हो गया है। वैज्ञानिक इसे सीधे तौर पर दीपावली और छठ पूजा पर फोड़े गए पटकों को मान रहे हैं। यह सर्दी का मौसम हैं, ऐसे में नतीजतन धुंध और कम तापमान के बीच पटाखों के धुएं ने वायु की गुणवत्ता में अब जहर घोलना शुरू कर दिया है।
संगमनगरी में झूंसी की वायु गुणवत्ता बहुत खराब स्थिति में पहुंच गई है। यहां की हवा में धूल के कणों की मात्रा सर्वाधिक रिकार्ड की गई है।
airpollution in pryagraj सबसे खराब हालात झूंसी के
शहर के तीन मानिटरिंग स्टेशनों में सबसे खराब स्थिति झूंसी की है। जबकि नगर निगम की वायु गुणवत्ता सबसे बेहतर पाई गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) के मुताबिक झूंसी का एयर इंडेक्स औसतन 316 के मुकाबले 19 अंक अधिक यानी 335 रहा। यहां पर पीएम 2.5 यानी धूल के छोटे कण औसतन 335 रिकार्ड किए गए।
24 घंटे में एयर इंडेक्स न्यूनतम 228 और अधिकतम 403 रिकार्ड किया गया। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) स्टेशन का एयर इंडेक्स शुक्रवार को औसतन 250 के मुकाबले 29 अंकों के साथ 279 पर पहुंच गया। यहां धूल के छोटे कण औसतन 279 रिकार्ड किए गए।
यहां 24 घंटे में एयर इंडेक्स न्यूनतम 147 और अधिकतम 387 रिकार्ड किया गया। सुखद यह रहा कि नगर निगम स्टेशन की वायु गुणवत्ता 184 से 71 अंक नीचे पहुंचकर 113 पहुंच गया।
airpollution in pryagraj बारिश होने से होगा सुधार
पर्यावरण के जानकार और इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डाक्टर शैलेंद्र राय ने बताया बारिश होने पर गुणवत्ता में सुधार हो सकती है। हालांकि अभी बारिश के आसार नहीं हैं। हवा की गति भी शांत है। इस लिहाज से प्रदूषित तत्व उड़ नहीं पाए। हवा चलने और वाहन का उपयोग कुछ दिनों तक कम करना होगा।
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