India News (इंडिया न्यूज), Akhilesh Yadav MahaKumbh 2025: मिल्कीपुर सीट भाजपा और सपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है। दोनों पार्टियों इस प्रतिष्ठित सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव की जनसभा की तिथि 3 फरवरी तय कर दी है, लेकिन समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव बेटे अर्जुन के साथ प्रयागराज पहुंचे और महाकुंभ मेले के दौरान त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई है।

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अखिलेश ने किया दावा

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सपा सांसद डिंपल यादव भी उनके साथ आएगी। अखिलेश सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद का समर्थन करने मिल्कीपुर जाएंगे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दावा है कि मिल्कीपुर में होने वाले उपचुनाव में सपा जीत दर्ज करने जा रही है। सपा अखिलेश यादव ने कहा है कि जनता समझ चुकी है कि भाजपा कभी सच नहीं बोलती। उसके पास विकास का कोई विजन नहीं है। जनता ने मिल्कीपुर उपचुनाव समेत 2027 के चुनाव में उन्हें करारी शिकस्त देने का मन बना लिया है।

मिल्कीपुर में 3.58 लाख मतदाता

आंकड़ों के मुताबिक, मिल्कीपुर में करीब 3.58 लाख मतदाता हैं। इनमें दलित और OBC मतदाताओं का खासा प्रभाव है। यहां पासी और पिछड़े वर्ग में यादवों की संख्या सबसे ज्यादा है। मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक संख्या में हैं। ऐसे में सपा पीडीए के फॉर्मूले पर भरोसा कर रही है। इस बार भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को मैदान में उतारकर सपा के इस फॉर्मूले को तोड़ने की कोशिश की है। BJP ने जहां सपा के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की, वहीं पार्टी का पूरा फोकस ओबीसी वोट बैंक पर भी है। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पिछड़े वर्ग ने सपा को वोट दिया था, जिसे BJP वापस अपने पास लाने की कोशिश कर रही है।

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मिल्कीपुर का जातीय समीकरण

मिल्कीपुर में पासी समुदाय के 55 हजार, मुस्लिम 30 हजार, यादव 55 हजार, ब्राह्मण 60 हजार, क्षत्रिय व वैश्य 45 हजार तथा अन्य जातियों में 20 हजार कोरी, 18 हजार चौरसिया, पाल व मौर्य मतदाता हैं। सवर्ण वोट बैंक हमेशा से BJP के साथ रहा है और अब पार्टी ने दलित व पिछड़ों को भी अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया है। इसके लिए पार्टी ने प्रदेश के 6 मंत्रियों को जीत की जिम्मेदारी सौंपी है।