India News (इंडिया न्यूज़),Allahabad Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संचार माध्यमों के कारण युवाओं में बदलाव को लेकर टिप्पणी की है। जिसमें कोर्ट ने कहा कि, देश का युवा पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण करते हुए अपने विपरीत लिंगी के साथ मुक्त संबंधों को तवज्जों दे रहा है। इस लालच में वह अपना जीवन बर्बाद कर रहा है। ऐसे में उसे कोई वास्तविक जीवनसाथी नहीं मिल पाता है।

जीवन के बारे में नहीं ले पा रहे सही निर्णय- कोर्ट

इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि, देश के युवा सोशल मीडिया, फिल्मों, टीवी धारावाहिकों और दिखाई जा रही वेब सीरीज के प्रभाव में अपने जीवन के बारे में सही निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। सही साथी की तलाश में वे अक्सर गलत व्यक्ति की संगति में पहुंच जाते है सोशल मीडिया, फिल्में आदि दिखाती हैं कि जीवन साथी के साथ बेवफाई सामान्य है। इस कारण कई युवा प्रयोग करना शुरू कर देते हैं।

आत्महत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने के केस में वृद्धि

मिला जानकारी के अनुसार बता दें कि, यह टिप्पणी न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने की है। वहीं आपको ये भी बतातें चले कि, ये टिप्पणी इसलाहाबाद हाईकोर्ट ने तब की जब एक लड़की को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी जय गोविंद उर्फ रामजी यादव की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए की है। जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि, इस स्थिति के कारण शादी का झूठा वादा करके बलात्कार का अपराध करना, आत्महत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध करना जैसे मामले अदालत में बड़ी संख्या में आ रहे हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें कि, लड़की को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले मामले में याची और पीड़िता के बीच प्रेम संबंध था। याची और सह अभियुक्तों पर आरोप है कि उन्होंने मिलकर उसका अपहरण कर लिया। नशीला पदार्थ खिलाकर बलात्कार किया। वीडियो बना लिया। इससे वह अवसाद में चली गई। नौ जून 2022 को उसका फिर से अपहरण कर लिया गया और उसे बाजार में छोड़ दिया गया। इसके बाद उसने जहरीला पदार्थ खा लिया।

उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां, 10 जून 2022 को उसकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद याची और सहअभियुक्तों के खिलाफ झांसी के नवाबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। वहीं जांच के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 306, 504 और 506 के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ। जिसमें याचिकाकर्ता की ओर कहा गया कि दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन मृतक के परिवार के सदस्य उनके रास्ते में आ गए। कोर्ट ने कहा कि याची के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए आवश्यक तथ्य नहीं हैं। लिहाजा, जमानत मंजूर की जाती है।

 

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