India News (इंडिया न्यूज), UP News: उत्तर प्रदेश में औरंगजेब को लेकर विवाद अब थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं मेरठ में औरंगाबाद गांव के बोर्ड पर कालिख पोत दी गई है। महाराष्ट्र से लेकर उत्तर प्रदेश तक, हिंदू संगठनों और स्थानीय नेताओं की ओर से लगातार बयानबाजी जारी है। ताजा मामला मेरठ से सामने आ रहा है, जहां औरंगजेब के वजीर अबू मोहम्मद खान की कब्र को तोड़ने वालों को करोड़ों का इनाम देने का बड़ा ऐलान कर दिया है।

बता दें कि मेरठ में अबू मोहम्मद खान की कब्र, जिसे ‘आबू का मकबरा’ के नाम से बुलाया जाता है, जो अब निशाने पर आ गई है। हिंदू संगठनों का कहना है कि इस जगह को खत्म कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह औरंगजेब के समर्थक की निशानी है। साथ ही, मेरठ का प्रसिद्ध ‘आबूलेन बाजार’ भी इसी नाम पर रखा गया है, जिसे बदलने की मांग की जा रही है।

हिंदुओं का इतिहास मिटाने की कोशिश

हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही ने एक निजी मीडियो को इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि मेरठ में हिंदुओं का इतिहास मिटाने की कोशिश की जा रही है। औरंगजेब के वजीर अबू मोहम्मद खान की कब्र मेरठ में है, जिसे आबू का मकबरा भी कहा जाता है। इतना ही नहीं मेरठ का प्रमुख बाजार आबूलेन का नाम भी अबू मोहम्मद खान के नाम पर रखा गया है। सचिन सिरोही ने अबू के मकबरे, यानी उसकी कब्र तोड़ने वाले को 50 लाख का इनाम देने का ऐलान किया है।

मुजफ्फरनगर में भी हुआ था ऐलान

खबरों की माने तो मेरठ से पहले UP के मुजफ्फरनगर में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था। शिवसेना के जिलाध्यक्ष बिट्टू सिखेड़ा ने ऐलान किया था कि जो भी व्यक्ति औरंगजेब की कब्र गिराएगा, उसे पांच बीघा जमीन इनाम में दी जाएगी।

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तो वहीं, नागपुर में औरंगजेब की कब्र तोड़ने वाले को एक करोड़ का इनाम देने का भी ऐलान किया है। सचिन सिरोही ने आगे बताया कि यह पैसा समाज से इकट्ठा करके दिया जाएगा। अगर महाराष्ट्र सरकार या उत्तर प्रदेश सरकार मजार पर बुलडोजर चलाने का काम करती है, तो यह पैसा सरकार के खाते में भेजा जाएगा। हिंदुओं को अपने गौरवशाली इतिहास को बचाने और पुनर्स्थापित करने के लिए जागरूक होना पड़ेगा।

सरकार से की ये अपील

इसी के साथ उन्होंने सरकार से भी अपील की है कि हिंदुओं के इतिहास को संरक्षित किया जाए और ऐसे आक्रमणकारियों के नाम से प्रमुख स्थानों के नाम बदलकर क्रांतिकारियों के नाम पर रखा जाए, ताकि भारत का गौरवशाली इतिहास संरक्षित किया जा सके।