India News (इंडिया न्यूज), Ayodhya, लखनऊ: अयोध्या में श्रीरामलला सरकार के दरबार में रविवार को सत्ता-विपक्ष के जनप्रतिनिधियों ने हाजिरी लगाई। समरता व समभाव राम का आदर्श है और रामराज्य सुशासन का स्वरूप। इसलिए, उनके दरबार जब यूपी के जनवेसवक पहुंचे तो वहां पक्ष और विपक्ष का भेद भी मिटता नजर आया। आस्था से सरोबार माननीयों ने रामलला के दर्शन कर जनकल्याण की कामना की। राममंदिर के लोकार्पण के बाद पहली बार यूपी का विधानमंडल विधाता के चरणों में पहुंचा था। इसमें सीएम योगी भी अपनी कैबिनेट के साथ पहुंचे।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बजट सत्र की शुरूआत में ही सभी सदस्यों से अयोध्या में राममंदिर के दर्शन के लिए चलने का अनुरोध किया था। सत्तारूढ़ एनडीए के सभी सदस्यों के अलावा विपक्ष से कांग्रेस, बसपा, जनसत्ता दल ने भी यात्रा में शामिल होने पर सहमति जताई थी। हालांकि, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अध्यक्ष के प्रस्ताव को नकार दिया था। इसके चलते सपा विधायक दर्शन यात्रा का हिस्सा नहीं बने।
सीएम योगी आदित्यनाथ पुणे में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वहां से सीधे अयोध्या पहुंचे। वहीं, विधायकों को अयोध्या ले जाने के लिए बस की व्यवस्था की गई थी। सुबह 8.30 बजे विधानभवन के सामने विधायक जुटे। रामलला के नारे व जयकारों के बीच बस में सवार हुए। यात्रा को और आस्थामय बनाने के लिए बस में रामधुन भी बज रही थी। बाराबंकी में जलपान के लिए कारवां रुका। इसके अलावा जगह-जगह पर विधायकों के स्वागत का भी इंतजाम किया गया था। अयोध्या में विधायकों के काफिले पर बुलडोजर पर चढ़कर पुष्प भी बरसाए गए।
रविवार को अयोध्या पहुंचे सरकार-विपक्ष के चेहरों में गिने-चुने ही प्राण प्रतिष्ठा का हिस्सा बने थे। इसलिए, किसी आम दर्शनार्थी के तौर पर मंदिर पहुंचने का भाव और उत्साह मुखर था। सीएम योगी के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, विधान परिषद के सभापति मानवेंद्र सिंह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक सहित मंत्री व विपक्ष के प्रमुख नेता गर्भगृह के सामने जमीन पर बैठे। सबने मिलकर राम भजन गाया।
इस दौरान जयकारों के बीच विधायकों के दर्शन का सिलसिला चलता रहा। रामलला की छवि और उनके साथ खुद को कैमरे में कैद करने की होड़ भी जनप्रतिनिधियों में दिखी। कई ने सेल्फी भी ली। सपत्नीक पहुंचे सतीश महाना भी विडियो बनाते नजर आए। दर्शन के बाद सभी माननीयों को प्रसाद दिया गया। अयोध्या में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ इस यात्रा से असहज न हो, इसलिए विधायकों को गेट नंबर 11 से ले जाया गया। विशिष्ट मेहमानों के साथ आम लोगों के लिए भी दर्शन खुला रहा। वहीं, हनुमान गढ़ी के दर्शन का कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया।
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