India News (इंडिया न्यूज), Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हलाल सेटिफीकेट काफी सालों से दिया जा रहा था। इस मजहबी मामले को कुछ लोगों ने गलत तरीके से इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। कोई भी चीज सिर्फ एक कागज का टुकड़ा पकड़ा देने से हलाल नहीं होती, जब तक की शरियत के बताए हुए तरीके को न अपनाया जाए।
कोर्ट का फैसला सही
उन्होंने कहा कि शरियत के सिस्टम को अपनाने से नाजायज चीज जायज और हराम चीज हलाल हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति या कोई संस्था कागज का प्रमाण पत्र देती है तो उससे नाजायज चीज जायज और हराम चीज हलाल नहीं हो सकती। जो लोग इस तरह का खेल कर रहे हैं, वो एक तरीके से कौम से खिलवाड़ कर रहे हैं। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया आदेश बिल्कुल सही है।
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समाज की जरूरत
उन्होंने आगे बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार ने नवंबर 2023 में हलाल प्रमाणित उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने को उचित ठहराया है और कहा है कि गैर-हलाल प्रमाणित उत्पादों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए “दुर्भावनापूर्ण प्रयास” किए जा रहे हैं, जो न केवल अनुचित वित्तीय लाभ चाहते हैं बल्कि इसका हिस्सा भी हैं। वर्ग द्वेष फैलाने, विभाजन पैदा करने और राष्ट्र-विरोधी तत्वों द्वारा देश को कमजोर करने की एक बड़ी रणनीति है। मौलाना ने आगे कहा कि हलाल सेटिफीकेट के संबंध में भारत सरकार मुस्लिम उलमा के साथ बैठक करें और इसका कोई बेहतरीन हल निकाला जाए, क्योंकि यह समाज की जरूरत है और साथ ही समय की मांग भी है।