India News (इंडिया न्यूज़),Lok Sabha Election 2024: बीजेपी अगले महीने से सभी विपक्षी दलों में सेंधमारी का बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है। हर जिले से विपक्षी दलों के पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों समेत पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही कुछ वर्तमान जन प्रतिनिधियों की सूची भी बनाई गई है। विपक्ष में सेंधमारी की कमान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को सौंपी गई है। बीजेपी ने पाठक के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई है।

इस कमेटी का काम किसी भी नेता को शामिल करने से पहले उसकी स्क्रीनिंग करना होगा। पाठक के अलावा प्रदेश महासचिव अमरपाल मौर्य और प्रदेश उपाध्यक्ष बृज बहादुर भी कमेटी में होंगे। वह जिलों से सभी नेताओं की रिपोर्ट तलब करेंगे। दागी नेताओं को बीजेपी में नहीं लिया जाएगा। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के दौरान होर्डिंग्स लगवाने और दीवार लेखन की जिम्मेदारी प्रदेश महासचिव गोविंद शुक्ला को दी है।

प्रचार-प्रसार की कमान गोविंद शुक्ला संभालेंगे। भाजपा कार्यकर्ता भी गांवों में पहुंचकर किसानों से संवाद करेंगे। गांव चलो अभियान की जिम्मेदारी प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज सिंह को दी गयी है।

‘गांव चलो अभियान’ शुरू हुआ

आपको बता दें कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए ‘गांव चलो अभियान’ शुरू किया है। इसके जरिए बीजेपी गांव के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाएगी। चुनावी गतिविधियों को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने कार्यकर्ताओं को देश के 7 लाख गांवों को जोड़ने का निर्देश दिया है। इसके तहत प्रत्येक गांव के लिए एक कार्यकर्ता को जोड़ने की योजना है जबकि बड़े गांवों के लिए एक से अधिक श्रमिकों को जोड़ने की योजना है।

यूपी में बीजेपी का मिशन-80 का लक्ष्य

आपको बता दें कि यूपी में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, जिसके तहत रणनीति क्लीन स्वीप करने की है। इसी के मद्देनजर बीजेपी अपने सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में जुटी है, जिसके तहत पार्टी ने एसपी-बीएसपी और कांग्रेस में सेंध लगाने का प्लान बनाया है। ब्रजेश पाठक का दावा है कि बीजेपी राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतेगी। देश की जनता पीएम मोदी के साथ है।

पिछले लोकसभा चुनाव में किसे मिली थीं कितनी सीटें?

पिछले लोकसभा चुनाव में भाई-बहन की जोड़ी कोई करिश्मा नहीं दिखा सकी थी। कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी। वहीं, एसपी-बीएसपी ने गठबंधन कर एक साथ चुनाव लड़ा था। पांच सीटों पर सपा को जीत मिली थी जबकि 10 सीटें सपा के खाते में गई थीं। वहीं, एनडीए गठबंधन को कुल 64 सीटें मिलीं।

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