India News (इंडिया न्यूज़),CM Yogi meeting on hmpv outbreak: भारत में एक साथ एचएमपीवी के कई मामले सामने आने के बाद यूपी में अलर्ट। इसकी रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अहम बैठक बुलाई। केंद्र सरकार ने भी राज्यों से चीन से फैली इस नई बीमारी को लेकर सतर्क रहने को कहा। लखनऊ। कोरोना के बाद चीन से फैली नई बीमारी एचएमपीवी यानी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले कई राज्यों में मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन मोड में आ गए हैं।
इस नई बीमारी को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक
मंगलवार को मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर इस नई बीमारी को लेकर स्वास्थ्य व अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। एचएमपीवी की रोकथाम को लेकर यह बैठक सुबह 11 बजे होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अधिकारियों से एचएमपीवी के बारे में जानकारी लेंगे। साथ ही इसकी रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जाएं, इस पर विस्तृत चर्चा होगी। बता दें कि सोमवार को बेंगलुरु, गुजरात, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में एचएमपीवी के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अभी तक भारत में जितने भी मामले सामने आए हैं, वे सभी बच्चों के हैं। दरअसल, यह वायरस 14 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
लोग इसकी तुलना कोरोना से कर रहे हैं
चीन में नए वायरस के फैलने के बाद सोशल मीडिया पर भी इसकी जमकर चर्चा हो रही है। लोग इसकी तुलना कोरोना से कर रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करके इससे बचा जा सकता है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि यह सांस संबंधी बीमारी नई नहीं है, लेकिन चीन में जिस तरह से यह फैली है, वह चिंताजनक है। लेकिन यह कोरोना जैसी नहीं है और भारत इससे निपटने में सक्षम है।
एचएमपीवी के लक्षण क्या हैं?
एचएमपीवी श्वसन तंत्र से जुड़ी एक वायरल बीमारी है, जो संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से दूसरों में फैलती है। अभी तक इससे सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होते हैं, जिन्हें निमोनिया या अस्थमा जैसी सांस संबंधी बीमारियां होती हैं। यह भी सच है कि इसकी कोई वैक्सीन नहीं है, इसका इलाज आम वायरल की तरह ही किया जा रहा है। फिजीशियन डॉ. वली के मुताबिक, यह सर्दियों में तेजी से फैलता है। इससे मौत नहीं होती। लेकिन सतर्कता जरूरी है। अगर बच्चों में इसके लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह कोरोना काल में मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया गया, वैसा ही इस दौरान भी करना है। बच्चों को संक्रमण से बचाना है।