India News UP(इंडिया न्यूज़),CM Yogi: उत्तर प्रदेश में अब प्राइवेट हॉस्पिटल की मनमानी एक नहीं चलेगी। इस पर योगी सरकार ने अब सख्त कदम उठाए हैं। ताकि इन मेडिकल स्टोर से मोटी रकम में मरीजों को चूना लगाने का धंधा बंद हो सके। दरअसल योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में प्राइवेट हॉस्पिटल और दवा कंपनियों के गठजोड़ को समाप्त करने के लिए एक नया आदेश जारी किया है। इस आदेश में बिना लाइसेंस प्राप्त फार्मासिस्ट के दवा बेचने और अस्पतालों में मनचाहे ब्रांड की दवाओं के भंडारण पर रोक लगाने की बात कही गई है। सरकार को यह कदम तब उठाना पड़ा जब शिकायतें मिलीं कि कुछ प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम दवा कंपनियों के साथ मिलकर केवल गिनी-चुनी महंगी दवाएं ही लिख रहे हैं, जो उनके मेडिकल स्टोर्स पर ही उपलब्ध होती हैं।
कई फुटकर दवा विक्रेता
उत्तर प्रदेश में करीब 70,000 थोक और 1.15 लाख फुटकर दवा विक्रेता हैं, जिनमें से कई मेडिकल स्टोर्स निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स के भीतर संचालित होते हैं। शिकायतों में यह भी बताया गया कि कई जगह बिना फार्मासिस्ट के दवाएं बेची जा रही हैं, और यदि फार्मासिस्ट मौजूद भी हैं, तो वे अक्सर अनुपस्थित रहते हैं, जिसके चलते अन्य कर्मचारी दवाओं की बिक्री करते हैं।
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दिए औचक निरीक्षण के आदेश
सरकार के इस नए आदेश के बाद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की अपर आयुक्त रेखा एस चौहान ने सभी औषधि निरीक्षकों को औचक निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। दिवाली के बाद इन प्राइवेट अस्पतालों के मेडिकल स्टोर्स की औचक जांच शुरू होगी, जिसमें फार्मासिस्ट की उपस्थिति, दवाओं की उपलब्धता, भंडारण की मात्रा, और बिक्री के मानकों का परीक्षण किया जाएगा। इसके साथ ही संबंधित अस्पताल के स्टोर पर उपलब्ध ब्रांडेड दवाओं की आसपास के अन्य मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्धता की भी जांच की जाएगी, ताकि दवा वितरण में पारदर्शिता बनी रहे।
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