India News (इंडिया न्यूज), Kisan Samman Diwas: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत को समृद्ध बनाने के लिए अन्नदाता किसानों को समृद्ध बनाना जरूरी है। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ चौधरी चरण सिंह की 122वीं जयंती ‘किसान सम्मान दिवस’ के अवसर पर कही। मुख्यमंत्री ने चौधरी साहब के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका यह विचार आज भी प्रासंगिक है।

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किसानों के मुद्दे पर चौधरी साहब का कांग्रेस से हुआ था मतभेद

सीएम ने कहा कि आजादी के बाद किसानों के मुद्दों को लेकर चौधरी चरण सिंह जी का कांग्रेस के साथ मतभेद हुआ था, लेकिन पीएम मोदी ने पहली बार किसानों को भारत के राजनीतिक एजेंडे व सरकार की प्राथमिकताा बनाने का कार्य किया। सीएम ने इस अवसर पर किसानों के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चल रही योजनाओं की सराहना की। उन्होंने बताया कि 2014 से शुरू हुए प्रयासों को आज दुनिया एक मॉडल के रूप में देख रही है। प्रदेश में किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए लगातार योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं में स्वॉयल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि आदि शामिल हैं।

22 वर्ष में 95 हजार करोड़, साढ़े सात वर्ष में 2.61 लाख करोड़ हुआ गन्ना भुगतान

सीएम ने कहा कि 2014 में पीएम ने कहा था कि हमें किसानों की आमदनी को दोगुना करना है। प्रदेश में 1996 से 2017 तक (22 वर्ष) में कुल 95 हजार करोड़ रुपये गन्ना किसानों के खाते में गया था, लेकिन 2017 से अब तक 2 लाख 61 हजार करोड़ की राशि डीबीटी के माध्यम से भेजा गया है। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने किसानों को सम्मानित करते हुए उन्हें ट्रैक्टर की चाबी दी और उनके कार्यों को प्रेरणादायी बताया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों, एफपीओ और कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित किया। गोरखपुर के श्याम दुलारे यादव, रायबरेली के फूलचंद और जालौन के हेमंत कुमार जैसे किसानों का उल्लेख करते हुए सीएम ने कहा कि इन किसानों ने एक हेक्टेयर में शानदार उत्पादन किया है।

14 लाख निजी नलकूपों को मिलेगी मुफ्त बिजली

सीएम ने यह भी बताया कि प्रदेश में 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई सुविधाएं दी गई हैं। इसके अलावा, 14 लाख निजी नलकूपों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। जानकारी के लिए बता दें, सीएम ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात भी की और कहा कि प्रदेश में सवा लाख एकड़ क्षेत्रफल में प्राकृतिक खेती हो रही है, जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है। दूसरी तरफ, इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह सहित अन्य प्रमुख नेता उपस्थित रहे।

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