इंडिया न्यूज़, गोरखपुर।
अपराध (crime) की बुनियाद पर खौफ का साम्राज्य चलाने वाले हाथों में अब हल और घंटी आ गई है। उत्तर प्रदेश में सख्त कानून व्यवस्था की ही बानगी है कि पिछले कुछ वर्षों में 135 हिस्ट्रीशीटरों ने अपराध (crime) की दुनिया से तौबा कर लिया है। यूपी पुलिस हिस्ट्रीशीटरों की ‘ब’ सूची में डाल इनकी निगरानी कर रही है। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में निष्क्रिय हिस्ट्रीशीटरों के कामों का सत्यापन कर जिक्र किया है। ज्यादातर खेती किसानी करते मिले है, तो कई मंदिर में पूजा-पाठ कर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं।


जानकारी के मुताबिक, अपराधियों (criminals) पर नकेल कसने के लिए पुलिस अफसरों ने कई अभियान चलाए। ऑपरेशन ‘शिकंजा’ के तहत बदमाशों को सजा दिलाने के लिए पुलिस ने पैरवी की तो वहीं, ऑपरेशन गैंगस्टर, ऑपरेशन तमंचा जैसे कई अभियान से पुलिस के हाथ बदमाशों के गिरेबान तक पहुंचे। पुलिस की लगातार कार्रवाई का असर रहा कि पिछले कुछ साल में कई ने अपराध की दुनिया से तौबा करने में ही भलाई समझी। पड़ताल में सामने आया कि पिछले तीन साल में 135 हिस्ट्रीशीटर ऐसे हैं कि जिनकी अपराध में संलिप्तता नहीं मिली है। Also Read: UP Election 5th Phase: चित्रकूट में कई बूथों पर EVM खराब, सांसद-मंत्री और प्रत्याशियों ने किया Vote

आईये आपको बताते है दो अपराधियों के बारे में :

पहला सिकरीगंज के खदेरू शिवपुर में शिव मंदिर बनवाकर उसी में रहते हैं। वह दूसरे का खेत लेकर खेती करते हैं। 52 वर्षीय खदेरू जब 15 साल के थे तो साइकिल लूट कर अपराध की दुनिया में कदम रखे थे। अब वह अपराध से तौबा कर चुके हैं।

दूसरा उरुवा इलाके के जयराम भी अब खेती में घरवालों का सहयोग करते हैं। कभी वह भी अपराध में सक्रिय थे और हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। अब यह अपराध में सक्रिय नहीं हैं, इस वजह से पुलिस इन्हें निष्क्रिय सूची में डालकर निगरानी करती है।

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