India News, (इंडिया न्यूज़),Mithilesh Pathak,Eye Flu: उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में आई फ्लू फैलता ही जा रहा है।, आई फ्लू की चपेट में आने से पहले ही हो जाए सावधान, नही तो ये ऐसी बीमारी है जिसका नही है इलाज, आई फ्लू को वायरल कंजक्टिवाइटिस ( Viral Conjunctivitis ) के नाम से मेडिकल साइंस में जानते है, SX वायरस को जैसे सभी जानते है जिसका इलाज नही है चाहे वो कोविड वायरस हो या एचआईवी वायरस, वैसे ही ( Viral Conjunctivitis ) भी है, अगर आई फ्लू की बीमारी से बचना तो कुछ बचाव और कुछ एतिहात बरतना जरूरी है।

बच्चों को कैसे पढ़ाएं शिक्षक खुद आई फ्लू की चपेट में

इस समय यूपी के श्रावस्ती में भी आई फ्लू अपना पैर तेजी से पसार रहा है, हर चौथे घर मे लोग आई फ्लू के शिकार है चाहे बच्चे हो या बुजुर्ग सभी आई फ्लू के चपेट में आ चुके है। जो तस्वीर हम आप को दिखा रहे वो जिले के अधिकांश इलाकों से है जिसमे मल्हीपुर, जमुनहा, भिन्गा, इकौना, गिलौला, सिरसिया शामिल है यहां पर बच्चो के साथ बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष आई फ्लू का शिकार हो चुके है, अब जिले का आलम ये है कि स्कूल में पढ़ने जाने वाले बच्चे भी आई फ्लू की चपेट में आ चुके हैं।

जिन्हें बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, बड़ी बात तो वो है जो स्कूल में पढ़ने जाने वाले बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक भी आई फ्लू की चपेट में आ चुके है। वहीं जिले में आई फ्लू से पीड़ित मरीजों का सरकारी आंकड़ो की बात करे तो जिले में एक दिन में 300 से अधिक आई फ्लू के मरीज डाक्टरो के पास पहुंच रहे हैं।

कैसे करें आई फ्लू से बचाव

आई फ्लू से पीड़ित मरीजों इस बीमारी से बाहर निकालने के लिए श्रावस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अजय प्रताप सिंह के द्वारा बताया गया कि अगर आंखों में पानी आ रहा है,  आंख लाल हो गई है, चिरचिराहट है, खुजली हो रही है, तो उसे मसले ना, उसे तेजी से रगड़े ना, अगर आपने आंख को छू दिया है तो हाथ को तुरंत धोए, क्योंकि अगर आपका छुआ हुआ हाथ किसी दूसरी जगह लगता है और उसे दूसरा आदमी छूता है तो उस दूसरे आदमी को इंफेक्शन हो जाएगा।

कोविड की तरह फैलता है आई फ्लू

कोविड टच करने से फैलता था वैसे ही सेम इसमें भी है, आंख को हर 2 घंटे में धोते रहना है हाथ को धोते रहना है, 6 से 7 दिन में वायरल अपने आप ठीक हो जाता है दिक्कत तभी आती है जब इसमें कीचड़ आने लगता है आंखें चिपकने लगती है तब ( Conjunctivitis ) हो जाता है तब इसमें खुद का कोई इलाज नहीं करना चाहिए, चिकित्सक से तुरंत परामर्श लेना चाहिए, नहीं तो आंखों की रोशनी प्रभावित हो जाती है।

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