India News UP(इंडिया न्यूज़), Jama Masjid Violence: संभल के जामा मस्जिद के पास हुए दंगे में जो कुछ भी हुआ, उसे खबरों और सोशल मीडिया के जरिए सभी ने देखा। अब इस दंगे के बाद जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनका दर्द देख पाना किसी के लिए भी आसान नहीं है। घंटों चले दंगे के दौरान पांच मिनट की फायरिंग ने पांच परिवारों को जिंदगी भर का दर्द दे दिया। तमाम तरह के आरोपों के बीच एक पहलू यह भी है कि एक बूढ़ी मां अपने बेटे का इंतजार कर रही है तो एक मासूम अपने पिता का। बदहवास परिवार दरवाजे की तरफ यह सोचकर दौड़ रहा है कि अब उनका लाडला आएगा। पड़ोसी और रिश्तेदार उन्हें ढांढस बंधा रहे हैं, लेकिन रो-रोकर पथरा चुकी आंखें अभी भी यह मानने को तैयार नहीं हैं कि उनका इंतजार कभी खत्म नहीं होगा।
दरअसल, नईम (35) का घर जामा मस्जिद से महज 500 मीटर दूर मोहल्ला कोट गर्वी के तबेला इलाके में है। रविवार को दंगे के दौरान गोली लगने से उसकी मौत हो गई थी। देर रात उसे दफना दिया गया है, लेकिन उसकी मां रो-रोकर बेहाल हो गई है। वह अपना नाम भी नहीं बता पा रही है। हर पांच मिनट में वह अपने बेटे को पुकारती हुई दरवाजे की तरफ दौड़ती है। वह कहती है ‘मेरा बेटा… बुलेट पर आ जा। तुझे गए 24 घंटे हो गए हैं।
मेरे बच्चे, तूने एक रोटी भी नहीं खाई।’ परिजनों के मुताबिक, नईम हर रोज की तरह अपने घर से मिठाई की दुकान पर गया था, तभी शव वापस आया। बदहवास मां कहती है कि बेटा यह कैसा धंधा है, तूने अब तक दुकान बंद नहीं की। मृतक के भाई तसलीम ने बताया कि नईम के तीन बच्चे हैं, जिनमें दो बेटे और एक बेटी शामिल हैं। तीनों की उम्र आठ साल से कम है।
मोहल्ला हयातनगर निवासी रोमन (50) कपड़े बेचने का काम करता था। परिजनों ने बताया कि वह रोजाना की तरह सुबह आठ बजे कपड़े बेचने के लिए घर से निकला था। उसकी ससुराल मोहल्ला कोट पूर्वी में जामा मस्जिद के पास रहती है। दोपहर 12 बजे वहां से फोन आया कि रोमन नहीं रहा। उसके छोटे भाई नोमान और रिजवान बदहवास हालत में वहां पहुंचे। नोमान ने बताया कि उसके भाई के चेहरे पर चोट थी, मानो वह गिर गया हो।
परिजनों को शक है कि भगदड़ में वह गिरकर घायल हो गया। किसी ने उसे उठाकर ससुराल पहुंचाया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। नोमान ने बताया कि रोमन के तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ा बेटा अदनान 22 साल का है, जो मजदूरी करता है। उसके दो बेटे उजैर और हसन भी हैं। सबसे छोटी बेटी सहर आठ साल की है। वह बार-बार रोते हुए मां से पूछ रही है कि पापा कब आएंगे। परिजनों ने रात में ही उसे दफना दिया।
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