India News UP(इंडिया न्यूज),Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक बुजुर्ग दंपत्ति के बीच गुजारा भत्ता को लेकर लंबे समय से चल रही कानूनी लड़ाई को लेकर एक अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि कलयुग आ गया है और इस तरह का मुकदमा चिंता का विषय है।

अलीगढ़ का है पूरा मामला

हम बात कर रहे हैं अलीगढ़ की। वहीं, 80 वर्षीय मुनेश कुमार गुप्ता ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी पत्नी गायत्री देवी (76) के बीच 2018 से संपत्ति विवाद चल रहा है। मामला पुलिस तक पहुंचा और परिवार परामर्श केंद्र में भेजा गया। हालाँकि, यह काम नहीं किया। इसके बाद वे दोनों अलग-अलग रहने लगे।

15 हजार रुपये प्रति माह की मांग

गायत्री देवी ने फैमिली कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दावा किया कि उनके पति की पेंशन करीब 35 हजार रुपये थी। उन्होंने भरण-पोषण के रूप में 15,000 रुपये प्रति माह की मांग की, लेकिन पारिवारिक अदालत ने 16 फरवरी के अपने आदेश में, भरण-पोषण के रूप में 5,000 रुपये की मांग की। पति ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसकी सुनवाई फिलहाल चल रही है।

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याचिका को लेकर क्या बोले जज?

याचिका पर न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी सुनवाई कर रहे हैं। अपनी टिप्पणी में उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कलयुग आ गया है और इस तरह की कानूनी कार्यवाही चिंता का कारण बन रही है। उन्होंने जोड़े को सलाह देने की भी कोशिश की। गायत्री का कहना है कि हमने गुजारा भत्ता के लिए आवेदन किया और पारिवारिक अदालत ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद पति ने अदालत के आदेश को चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने अब गायत्री को नोटिस जारी किया है और कहा है कि हमें उम्मीद है कि वह अगली सुनवाई तक समझौता कर लेंगी।

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