India News (इंडिया न्यूज), Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश के ज्ञानवापी में वजूखाने का एएसआई सर्वेक्षण कराने की मांग पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में होगी। यह याचिका वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने के सर्वेक्षण को लेकर दाखिल की गई है। याचिका दायर करने वाली वादी राखी सिंह हैं, जो हिंदू पक्ष से हैं। उनका कहना है कि बाकी हिस्सों की तरह वजूखाने का भी सर्वेक्षण किया जाना चाहिए, ताकि परिसर के धार्मिक चरित्र का सही तरीके से निर्धारण किया जा सके।

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हिन्दू और मुस्लिम पक्ष का बयान

मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही रोक लगा रखी है और इसे सर्वेक्षण के दायरे में नहीं लाना चाहिए। उनका दावा है कि वजूखाने में मिली संरचना को शिवलिंग नहीं माना जा सकता, बल्कि यह एक फव्वारा है। हिंदू पक्ष का यह कहना है कि शिवलिंग को छोड़कर बाकी हिस्सों का भी सर्वेक्षण किया जाना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि ज्ञानवापी परिसर में किस प्रकार की ऐतिहासिक और धार्मिक संरचनाएं हैं।

वजूखाने को सर्वेक्षण में नहीं किया था शामिल

पिछले साल भी इस मामले में हाईकोर्ट ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने का आदेश दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। अब राखी सिंह ने वजूखाने के सर्वेक्षण की मांग की है। इससे पहले, ज्ञानवापी परिसर का एएसआई द्वारा सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें मस्जिद में हिंदू प्रतीक चिन्ह और देवी-देवताओं की टूटी हुई मूर्तियां पाई गई थीं, लेकिन वजूखाने को सर्वेक्षण में शामिल नहीं किया गया था।

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