India News (इंडिया न्यूज)MAHAKUMBH 2025: योगी सरकार के निर्देश पर 10 जनवरी से 24 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ में लोक कलाओं के जरिए पूरा भारत नजर आएगा। इसके लिए यूपी संस्कृति विभाग तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। वहीं, प्रयागराज में 45 दिनों तक 20 जगहों पर छोटे-छोटे मंच बनाए जाएंगे, जहां पर्यटक, श्रद्धालु और आम लोग भारत की संस्कृति के दर्शन कर सकेंगे। यहां कई विधाओं पर आधारित लोकनृत्य भी प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके अलावा नागवासुकि क्षेत्र में भी सांस्कृतिक मंच बनाया जाएगा, जहां कल्पवासी और श्रद्धालु रामलीलाएं देखकर आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करेंगे।

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प्रयागराज शहर में इन 20 स्थलों पर बनेंगे लघु मंच

महाकुंभ के दौरान संस्कृति विभाग प्रयागराज शहर में 20 स्थानों पर छोटे-छोटे मंच बनाएगा, जहां 45 दिनों तक प्रदेश की विभिन्न लोक कलाओं का प्रदर्शन होगा। विभाग ने इन स्थानों का चयन कर लिया है।

यह स्थान रीवा मिर्जापुर-प्रयागराज मार्ग पर, नैनी चौराहा हनुमान मंदिर के बगल में, संगम बांध के निकट लेटे हनुमान जी मंदिर, किले की दीवार से सटी खाली जगह में, गऊघाट में ईवनिंग क्रिश्चियन कॉलेज के सामने, कीडगंज में मिंटो पार्क गेट के बगल में, प्रदर्शनी स्थल के पास खाली जगह, किला चौराहा का कोना, हाईकोर्ट-धूमनगंज रोड-सुलेमसराय नगर निगम चौराहा गेट नंबर-2 अस्पताल के सामने, दरभंगा चौराहा के पास, सिविल लाइंस पत्थर वाला चर्च के पास, बिशप जॉनसन कॉलेज के पास बस स्टॉप के बगल में, बालसन चौराहा पर महर्षि भारद्वाज की प्रतिमा के नीचे खाली जगह में, जॉनसनगंज चौराहा के पास खाली जगह में पुलिस बूथ के पास, लोक सेवा आयोग की ओर मिश्रा चौराहा के बाएं कोने पर,

अलोपीबाग में गीता निकेतन गेट के बगल में उप निदेशक उद्यान कार्यालय के पास, मानसरोवर सिनेमा चौराहा-रामबाग रेलवे स्टेशन के पास राजर्षि टंडन मंडप के सामने, यूनिवर्सिटी रोड चौराहा बिहार सांस्कृतिक कार्यक्रम अरैल मोड़ पर फूल मंडी के पास, फाफामऊ पुल के नीचे गंगा किनारे नवनिर्मित सड़क के किनारे, गढ़ा माधव तिराहा से मेला क्षेत्र की ओर जाने वाली सड़क के किनारे, महर्षि भारद्वाज तिराहा पर मेला क्षेत्र की ओर जाने वाली सड़क के किनारे तथा नागवासुकि मंदिर के पास खाली स्थान पर प्रस्तुत किए जाएंगे।

इन मंचों पर उतरेगा समूचा भारत

प्रयागराज में बनने वाले 20 छोटे मंचों पर पूरा भारत उतरेगा। यहां फरुआही, धोबिया, मयूर, कर्मा, वनटांगिया, थारू, अवधी, ढेढ़िया, चांचर, राई, पाई-डंडा, सैरा, बधवा समेत कई लोकनृत्य पेश किए जाएंगे। हर मंच पर रोजाना दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक कार्यक्रम होंगे। इसमें प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा लोक कलाकारों को मंच मिलेगा।

आध्यात्मिक ऊर्जा का होगा संचार

संस्कृति विभाग की ओर से महाकुंभ के दौरान मेजबान उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों की रामलीलाएं भी होंगी। कल्पवासियों और श्रद्धालुओं में आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखने के लिए रामलीलाओं का मंचन भी किया जाएगा। दूसरा मंच नागवासुकि क्षेत्र में बनाया जाएगा, जहां रामलीलाओं का मंचन होगा। यहां मेजबान उत्तर प्रदेश की कई रामलीलाओं का मंचन होगा। इसके साथ ही कई राज्यों की रामलीलाओं का भी मंचन होगा।

भारतीय लोक कला मंडल (उदयपुर), योगेश अग्रवाल एवं टीम (छत्तीसगढ़), अशोक मिश्रा एवं टीम (बालाघाट-मध्यप्रदेश), रत्नाकर ड्रामेटिक आर्ट प्रोडक्शन (दिल्ली), मिथिलांचल अवध आदर्श रामलीला फाउंडेशन (सीतामढ़ी-बिहार), तीर्थवासी वाहेरा (ओडिशा), मां नंदा महिला रामलीला मंगल योग समिति महादेव सुविधानगर (रुद्रप्रयाग उत्तराखंड), श्रीराम भारतीय कला केंद्र (दिल्ली), देवेन्द्र बैरागी एवं टीम के कलाकारों द्वारा रामलीलाओं का मंचन किया जाएगा। (भोपाल-मध्य प्रदेश), आंजनेय कला मंडल (सतना-मध्य प्रदेश) आदि। इसके अलावा मेजबान उत्तर प्रदेश के कई जिलों के कलाकार भी यहां रामलीलाओं का मंचन करेंगे।

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