इंडिया न्यूज, लखनऊ:
देश में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद (loudspeaker controversy) के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा है कि मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं है। जस्टिस विवेक कुमार बिरला और जस्टिस विकास की खंड पीठ ने इसी सप्ताह इस संबंध में दायर याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। याचिका में मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की मांग की गई थी।
इरफान नाम के शख्स ने याचिका दायर कर बदायूं जिले के बिसौली एसडीएम के आदेश को चुनौती दी थी। एसडीएम ने पिछले साल तीन दिसंबर को धोरनपुर गांव की नूरी मस्जिद में अजान के लिए लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। याचिका में दलील दी गई थी कि एसडीएम का आदेश अवैधानिक है और यह कानूनी व मौलिक अधिकारों का हनन करता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की खंडपीठ पे मामले की सुनवाई के दौरान कहा, यह कानून प्रतिपादित हो चुका है कि लाउडस्पीकर का मस्जिदों पर उपयोग करना संवैधानिक अधिकार नहीं है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस है कि रात 10 से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न किया जाए।
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