India News (इंडिया न्यूज)Jagadguru Rambhadracharya: तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी ने मथुरा के वृंदावन में अपनी दो प्रतिज्ञा दोहराई। उन्होंने कहा जब तक श्री कृष्ण जन्मभूमि का निर्णय नहीं होता है तब तक वह बांके बिहारी जी के दर्शन करने नहीं जाएंगे। इसके अलावा जब तक यमुना साफ नहीं होगी, तब तक वह यहां कथा नहीं करेंगे।
जगतगुरु रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य जी के शिष्य और तुलसी पीठ के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास को वृंदावन स्थित छत्तीसगढ़ कुंज का महंत बनाया गया। प्रमुख साधु संतों की मौजूदगी में आचार्य रामचंद्र दास को महंताई की चादर ओढ़ाई गई। इस अवसर पर जगतगुरु रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य का अभिनंदन समारोह भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम में संतो का विशाल समागम देखने को मिला था।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने कोटवन में जगतगुरु रामभद्राचार्य जी के द्वारा राम कथा करने का निवेदन किया। इसके उत्तर में महाराज श्री द्वारा सीधा कहा गया कि जब तक यमुना जी शुद्ध नहीं हो जाती तब तक वह वहां कथा नहीं करेंगे। केवल भाषण देने से काम नहीं चलेगा अब काम करके दिखाना पड़ेगा। उनकी बात को सुनकर उपस्थित संतों ने यमुना मैया का जयकारा लगा दिया।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी को यह बयान तब देना पड़ा जब उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि उनकी विधानसभा क्षेत्र छाता के कोटवन में स्थापित किए गए राम दरबार कार्यक्रम में पूज्य महाराज जी का आगमन हुआ था। उस समय महाराज जी ने कहा था कि वह इस स्थान पर कथा करेंगे। कैबिनेट मंत्री ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी से आग्रह करते हुए कहा कि वह कोटवन में कथा करने की घोषणा कर दें। इस पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी ने कहा कि जब तक यमुना मैया शुद्ध और अविरल नहीं होगी वह कोटवन में कथा नहीं करेंगे। उन्होंने कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण का नाम लेते हुए कहा अब भाषण से काम नहीं चलेगा बल्कि काम करना होगा।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण से यमुना के मुद्दे को लेकर कहा जब तक यमुना शुद्ध नहीं होगी तब तक कोटवन में वह कथा नहीं करेंगे
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने श्री कृष्ण जन्मस्थान को लेकर अपनी प्रतिज्ञा को दोहराते हुए कहा कि जब तक श्री कृष्ण जन्मस्थान पर निर्णय नहीं हो जाता तब तक वह बांके बिहारी जी के दर्शन करने नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा यह प्रतिज्ञा ले रखी है। कार्यक्रम में शामिल लोगों ने जब जगद्गुरु रामभद्राचार्य के द्वारा ली गई इन दोनों प्रतिज्ञाओं के बारे में उनके द्वारा ही सुना तो सभी भगवान श्री कृष्ण और यमुना मैया की जय जयकार करने लगे।