India News (इंडिया न्यूज)Lucknow news: राजधानी लखनऊ में शनिवार को केजीएमयू के 120वें स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस अवसर पर सीएम ने छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी किया।
सीएम ने कहा कि केजीएमयू से निकले छात्रों ने देश का नाम रोशन किया है। समय किसी का इंतजार नहीं करता। 1905 में जब इसकी स्थापना की बात हुई थी तो इसकी शुरुआत 10 लाख रुपये से हुई थी। उन्होंने कहा कि आज इसका दायरा 150 एकड़ क्षेत्र में होने जा रहा है। देश में बहुत कम संस्थानों में इतनी सीटें हैं।
सीएम ने कहा कि व्यक्ति और संस्था की पहचान संकट के समय होती है। कई लोग चुनौती आने पर मैदान छोड़ देते हैं। यही वह समय होता है जब व्यक्ति को निर्णय लेना होता है। उस समय जो चुनौती को स्वीकार करता है, वह चमकता है। जो भाग जाता है, वह बिखर जाता है। हमें संस्था और खुद का गौरव बढ़ाना है। सुनिश्चित करें कि कोई भी मरीज निराश होकर न जाए।
अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि सरकार ने सबकुछ दिया है। सिर्फ आज नहीं, बल्कि अगले 100 साल की कार्ययोजना को देखा है। सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान केजीएमयू ने मिसाल कायम की है। मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने खुद को क्वारंटीन कर लिया था। लेकिन, टेस्ट में वे निगेटिव पाए गए। मैंने उन्हें सस्पेंड कर दिया।
सीएम ने कहा कि केजीएमयू के डॉक्टरों ने काम किया। उन्होंने मिसाल कायम की। उन्होंने कहा कि सर्जरी के लिए 377 करोड़ रुपये की नई बिल्डिंग के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है। 70 करोड़ रुपये से फायर सिक्योरिटी के लिए लॉरी का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपसी सहयोग को और तेज किया जाना चाहिए। तकनीक और चिकित्सा विभाग को मिलकर काम करना होगा।
सीएम ने आगे कहा कि कोविड महामारी के दौरान अमेरिका से एक हार्ट के डॉक्टर आए थे। उन्होंने कानपुर में पढ़ाई की। बीटेक के बाद वे अमेरिका गए और डॉक्टर बन गए। अमेरिका में 25 साल पहले यह सुविधा उपलब्ध थी। हमें आगे आने के लिए प्रयास करने होंगे। पैसे की कोई कमी नहीं है। समयबद्ध तरीके से काम को आगे बढ़ाना होगा। सरकार ने भ्रष्टाचार पर प्रहार किया है।
सीएम ने कहा कि सेंटर फॉर एक्सीलेंस विभाग पैसा ले लेता है। उसे समय पर खर्च नहीं कर पाता। पीएलए का पैसा निकालकर राज्य के कर्मियों का वेतन दिया जाता था। जो विभाग 31 मार्च तक स्वीकृत पैसा खर्च नहीं कर पाता, उसका पैसा वापस ले लिया जाए। अगले साल फिर से आवंटन किया जाए। यहां डाटा सेंटर की स्थापना की जाएगी। इसके लिए हमें आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर काम करना होगा।
सीएम ने आगे यह भी कहा कि मरीजों की स्क्रीनिंग कैसे हो? वर्चुअल आईसीयू, टेलीमेडिसिन कैसे कर सकते हैं? आप लोगों को इस बारे में भी सोचना चाहिए। इलाज के लिए पैसे की कमी नहीं है। समस्या पैसे की नहीं है। खराब जीवनशैली के कारण मरीजों की भीड़ है। स्मार्ट फोन दूसरी बीमारी बन गई है। इसके लिए मानसिक रोग विभाग का विस्तार करना होगा।
India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan: राजस्थान में भाजपा सरकार के एक साल पूरे होने पर…
India News (इंडिया न्यूज)MAHAKUMBH 2025: प्रयागराज पूरी दुनिया में अपने त्रिवेणी संगम के लिए जाना…
Mohali Building Collapse: पंजाब के मोहाली जिले में शनिवार को एक छह मंजिला इमारत ढह…
Billi Ka Rasta Katna: भारत में बिल्ली का रास्ता काटना प्राचीन काल से ही अंधविश्वास…
Indian Labourers In Kuwait: कुवैत में दिहाड़ी मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन 100 कुवैती दीनार…
मकान की छत बनी मौत का कारण India News (इंडिया न्यूज),Lucknow: राजधानी लखनऊ के मड़ियांव…