बवाल में आठ लोगों की मौत, मृतकों मेें 4 किसान 4 बीजेपी समर्थक
इंडिया न्यूज, लखनऊ :
Lakhimpur Kheri Clash यूपी के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुए बवाल में अब सियासत तेज हो गई है। हर कोई विपक्षी दल का नेता लखीमपुर जाने की होड़ में है। कांग्रेस महासचिव और यूपी की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी भी रविवार रात को ही लखनऊ से लखीमपुर के तिकुनिया कस्बे (जहां बवाल हुआ है) के लिए रवाना हो गई, लेकिन आखिर कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक लिया। उनके साथ कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी थे।
प्रियंका रातभर पुलिस को छकाती रही। कई जगह उन्होंने पुलिस की तैयारी को नाकाम कर दिया। वह लखनऊ के रास्ते सिधौली पहले तो तक पहुंची। इसके बाद पुलिस की घेराबंदी को धता बताकर दूसरे रास्तों से निकल गईं। उधर कमलापुर से लेकर लहरपुर तक जगह-जगह पर पुलिस ने जबरदस्त नाकेबंदी कर रखी थी। उसके बाद आखिरकार सुबह करीब 4 बजे प्रियंका को हरगांव कस्बे में मौजूद सीओ सिटी पीयूष सिंह ने महिला पुलिस की मदद से रोक लिया। किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में अब तक आठ लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में चार प्रदर्शनकारी किसान और चार बीजेपी के चार समर्थक हैं।
प्रियंका गाड़ी को जब रोका जा रहा था तो वह एक जगह उतरीं और पुलिस अधिकारियों से उनकी झड़प हुई। इसके बाद वह बारिश और बूंदाबांदी के बीच बालू अड्डे तक पैदल गईं। उनके पीछे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हुजूम था। बालू अड्डा चौराहे पर वह इनोवा में बैठकर लखीमपुर के लिए रवाना हो गईं। उनके वाहन के पीछे कांग्रेसी नेताओं की गाड़ियों का काफिला था। प्रियंका वाड्रा ने कहा कि जो आज हुआ वह दिखता है की ये सरकार किसानों को कुचलने की राजनीति कर रही है। किसानों को खत्म करने की राजनीति कर रही है।
कई नेताओं ने लखीमपुर के तिकुनिया कस्बे में पहुंचने का प्लान बनाया है। सरकार जहां शांति बनाए रखने के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं का जमावड़ा लखीमपुर में नहीं होने देना चाहती है, वहीं नेता मौके पर पहुंचने के लिए आमादा हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव, भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी और सुहेलदेव भी आज घटनास्थल पर पहुंचने की तैयारी कर चुके हैं। बसपा अध्यक्ष मायावती ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को मौके पर जाने के लिए कहा थ लेकिन लखनऊ पुलिस ने सतीश मिश्र को उनके आवास पर ही नजरबंद कर दिया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी सोमवार को लखीमपुर जाने के लिए लखनऊ पहुंच रहे हैं।
आम आदमी पार्टी ने आज राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। लखीमपुर खीरी जा रहे चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने सीतापुर के खैराबाद टोल प्लाजा पर रोक लिया। फिर उन्हें सीतापुर पुलिस लाइन में बैठा लिया गया है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने घटना की सीबीआइ जांच कराने, दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने और मृत किसानों के आश्रितों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है। वहीं, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर सोमवार सुबह लखीमपुर खीरी जाएंगे और पीड़ित किसान परिवारों से मिलेंगे।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि लखीमपुर से सैकड़ों किसान कार्यक्रम कर लौट रहे थे, तभी उन पर गाड़ी चढ़ाकर हमला किया गया, इसके बाद फायरिंग की गई। वह भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी के साथ लखीमपुर के लिए रवाना हो गए। पीलीभीत में राकेश टिकैत को डीएम-एसपी ने लखीमपुर न जाने को लेकर रोक लिया, लेकिन टिकैत का लगभग 100 गाड़ियों का काफिला बैरियर तोड़कर खीरी की तरफ बढ़ गया।
दरअसल, लखीमपुर के तिकुनिया के बनवीरपुर गांव में तीन अक्टूबर का दिन हर साल ही खास होता है। इस दिन यहां के मूल निवासी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री व सांसद अजय कुमार मिश्रा टेनी के पिता स्व. अंबिका प्रसाद की स्मृति में बड़ा दंगल आयोजित होता है। दंगल में कई प्रदेशों के पहलवान अपने दांव-पेंच के जौहर दिखाते हैं। इस बार ये आयोजन और भी खास था, क्योंकि बतौर मुख्य अतिथि सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य यहां आने वाले थे।
सुबह से सारी तैयारियां मुकम्मल होने के बाद दंगल शुरू भी हो गया। लेकिन इसमें अमंगल का काम किया सांसद के ही कथित विवादित बयान ने। अजय कुमार ने गत 26 सितंबर को संपूर्णानगर में बयान दिया था। इसी से अक्रोशित किसानों ने डिप्टी सीएम को काले झंडे दिखाने का मन बनाया, जिसके बाद बड़ा बवाल हुआ और दंगल कार्यक्रम भी पूरा नहीं हो सका। इस बीच आरोप हैं वरिष्ठ बीजेपी नेता की गाड़ी को किसानों की भीड़ पर चढ़ा दिया गया। उसके बाद किसानों हिंसा पर उतारू हो गए और दूसरा पक्ष भी उनसे भिड़ गया। फिर वाहनों में तोड़फोड़ कर दी गई। लोगों को पर तलवारों और डंडों या जो किसी के हाथ में चीज आई उससे हमले कर दिए गए।
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