इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : उत्तरप्रदेश का रामपुर सदर जो अब तक समाजवादी पार्टी के आजम खान का गढ़ कहा जाता था, वहाँ एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। खबर आ रही है कि 70 साल में हुए 20 विधानसभा चुनावों के बाद पहली बार इस क्षेत्र को एक हिंदू विधायक मिला है। जानकारी दें, रामपुर में भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने 80964 वोट पाकर जीत हासिल कर ली है। उनका जीत का मार्जिन 34 हजार से ज्यादा है। दूसरे नंबर पर सपा के मोहम्मद असीम राजा है। उन्हें 47262 वोट मिले हैं।
नतीजे आने के बाद सपा प्रत्याशी असीम राजा खासा नाराज दिखे। उन्होंने अपनी हार की वजह पुलिस को बताया।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रामपुर चुनावों में 70 प्रतिशत वोट लूटे गए हैं। आनंदी टीवी यूपी के मुताबिक उन्होंने अपनी हार के पीछे रामपुर पुलिस को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि खाकी के लोगों ने दंडों से वोटरों को वोट नहीं डालने दिए।
सपा उम्मीदवार ने पुलिस पर हार का ठीकरा फोड़ा
असीम रजा ने अपनी हार पर पुलिस को दोषी ठहराते हुए कहा, “5 दिंसबर को रामपुर में चुनाव हुआ था और हमने पहले भी कहा था कि रामपुर में इलेक्शन हुआ ही नहीं है। शहर के अंदर 200 बूथों पर पुलिस ने रामपुर के शहरियों को वोट डालने ही नहीं दिया है। बूथों को लूट लिया है। 252 बूथों पर मात्र 20 फीसद वोटिंग हुई है। शहर और गाँव के बाहर जो बूथ थे वो सब कैप्चर कर लिए गए थे। वहाँ 50-70-80फीसद वोटिंग हुई है। सारे बूथ कैप्चर कर लिए गए। सवा दो लाख मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया गया। केवल 45 हजार वोट डाले गए और उसमें भी बहुत से बूथों पर पुलिस ने खुद ही वोट डाल दिए। अभी काउंटिंग हो रही है। लेकिव जो शहर में जहाँ सपा का गढ़ था, जहाँ टोटल वोट का 70% था वहाँ वोट नहीं डालने दिए गए।”