India News (इंडिया न्यूज़), Lucknow News: यूपी विधानसभा उपचुनाव से पहले सपा और बीजेपी के बीच ‘पोस्टर वार’ जारी है। राजधानी लखनऊ के चौराहों पर तरह-तरह के पोस्टर लगाए जा रहे हैं। अब बीजेपी नेता की ओर से एक नया पोस्टर लगाया गया है। वहीं, इसके जवाब में कांग्रेस नेता ने भी पोस्टर लगाया है। इसके जरिए सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे ‘बांटेंगे तो कट जाएंगे’ का जवाब देने की कोशिश की गई है।

आपको बता दें कि बीजेपी नेता की ओर से आज लखनऊ में लगाए गए पोस्टर में लिखा है- ‘बांटेंगे तो कट जाएंगे… अब हिंदू और नहीं सहेगा. हिंदू अब एकजुट रहेगा.’ इस पोस्टर के सामने आने के बाद एक बार फिर सियासी पारा गरमा गया है।

बीजेपी का पोस्टर अभियान

बीजेपी की ओर से लगाए गए पोस्टरों में लिखा गया है: बंटेंगे तो कटेंगे…अब हिंदू और नहीं सहेंगे। हिंदू अब एकजुट रहेंगे। यह पोस्टर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ बयान को आगे बढ़ाता है। इसका सीधा संदेश है कि अब हिंदू समुदाय एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करेगा। इस पोस्टर से साफ है कि बीजेपी आगामी उपचुनाव में ध्रुवीकरण के ज़रिए हिंदू वोट बैंक को एकजुट करने की रणनीति अपना रही है।

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कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का पलटवार

बीजेपी के पोस्टर का जवाब देने में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी देर नहीं की। कांग्रेस की NSUI इकाई के नेता आर्यन मिश्रा ने अपने पोस्टर में लिखा है , बंटोगे तो कटोगे का नारा देने वालों के मंसूबे तोड़ेंगे, हम इंडिया गठबंधन के सिपाही यूपी में मोहब्बत की दुकान खोलेंगे।” यह पोस्टर सीधे बीजेपी के ध्रुवीकरण के प्रयासों के खिलाफ एक संदेश है और ‘इंडिया गठबंधन’ के जरिए भाईचारे और एकता की बात करता है। समाजवादी पार्टी ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखने का संदेश दिया है।

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पोस्टर वॉर के जरिए सभी दल जनता का ध्यान आकर्षित करने और अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी की रणनीति जहां धार्मिक मुद्दों को उभारने और हिंदुत्व एजेंडा को केंद्र में रखने पर आधारित है, वहीं विपक्षी दल एकजुटता और समाज में भाईचारे का संदेश देकर ध्रुवीकरण की राजनीति को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। इस लड़ाई का असर केवल उपचुनाव तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके नतीजे आगामी लोकसभा चुनाव 2024 पर भी असर डाल सकते हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले उपचुनावों में जनता किसके पक्ष में फैसला सुनाती है और क्या ये पोस्टर वॉर सच में मतदाताओं को प्रभावित करने में सफल हो पाती है।

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