India News (इंडिया न्यूज़),Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में आज सन्यासियों के अटल अखाड़े की पेशवाई यानी छावनी प्रवेश शोभा यात्रा निकल रही है। इस शोभायात्रा में आस्था और संस्कृति के तमाम रंग देखने को मिल रहे हैं। पेशवाई बक्शी बांध स्थित आश्रम से शुरू होकर दारागंज की गलियों से होती हुई मेला क्षेत्र की तरफ बढ़ रही है। पेशवाई यानी छावनी प्रवेश शोभा यात्रा में सबसे आगे धर्म ध्वजाए चल रही हैं। इसके बाद अखाड़े के आराध्य भगवान गजानंद की सवारी है।
किया गया अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन
इसके ठीक पीछे अखाड़े के नागा साधु घोड़े पर सवार होकर और पैदल चलते हुए अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन करते जय घोष करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। इसके पीछे जम्मू कश्मीर से आए हुए 200 से ज्यादा वेद पार्टी हाथों में भगवा झंडा लेकर इस शोभायात्रा में शामिल हैं। यह सभी वेदपाठी पीले रंग के कपड़े पहने हुए हैं। पेशवाई में दर्जनों बंद पार्टियां भक्ति गीतों की धुन पेश कर रही हैं। अखाड़े के महामंडलेश्वर और संत महात्मा शाही रथों पर रखे चांदी के सिंहासन पर छत्र – छड़ी और चंवर के साथ विराजमान है और हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे हैं। सबसे बड़ा रथ अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद जी महाराज का है। पेशवाई में शामिल संत महात्माओं का दर्शन कर उनका आशीर्वाद करने के लिए प्रयागराज की सड़कों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा हुआ है। लोग इन संत महात्माओं पर फूलों की बारिश कर रहे हैं।
छावनी में प्रवेश करेंगे सभी महामंडलेश्वर के साथ आचार्य
अटल अखाड़े का भव्य छावनी प्रवेश किया जा रहा है छवि प्रवेश में सभी नागा साधु सन्यास अपने मुख्य स्थान से होते हुए छावनी में प्रवेश करेंगे सभी महामंडलेश्वर के साथ आचार्य महामंडलेश्वर विश्वात्मा सरस्वती महाराज भी मौजूद रहे वह सबसे आगे आधे पर विराजमान होकर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए नजर आए साथ ही साथ आचार्य महामंडलेश्वर ने बताया कि अखाड़ा आज शाही तरीके से प्रवेश करेगा इस प्रवेश में भगवान गणेश को सबसे आगे लेकर वह प्रवेश करेगा
आकर्षण का केंद्र बने 3 फीट लंबे छोटू बाबा
महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बने 3 फीट लंबे छोटू बाबा हुए हैं। कोई भी उन्हें देखना बंद कर देता है। कोई फोटो रेस्तरां है तो कोई सेल्फी लेना चाहता है। सड़क पर आकर ही लोग भीड़ में घिर जाते हैं, जहां से वह किसी कैंप में छिपकर रहते हैं या फिर गंगा के तट पर एकांत में साधना करते हैं।
वैभवशाली जूना सामानों के नागा संत
गंगापुरी महाराज सन्यासियों के सबसे बड़े और वैभवशाली जूना अनुयायियों के नागा संत और असम की कामाख्या पीठ से जुड़े हुए हैं। बाकी संत महात्मा और भव्य भव्य महाकुंभ में मां गंगा की गोद में आस्था के दर्शन के लिए आ रहे हैं, लेकिन गंगापुरी महाराज यहां एक बार भी गंगा स्नान नहीं करेंगे। गंगापुरी महाराज महाकुंभ में अपनी ऊंचाई को लेकर सुरखियों में और आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। उनकी ऊंचाई अधिकतम तीन फीट है। यानि कि पांच-छह साल के बच्चे की लंबाई ज्यादा होती है। बाबा सिर्फ मूर्ति ही बड़े हैं।