India News (इंडिया न्यूज़),Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के इतिहास में पहली बार पूर्वोत्तर को समर्पित एक विशेष शिविर लगाया गया है। जिसमें इस क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे। इसी कड़ी में बुधवार को मौनी अमावस्या के अवसर पर पूर्वोत्तर के दूरदराज क्षेत्रों के 20 से अधिक संत और संन्यासी अखाड़ों के साथ अमृत स्नान में भाग लेंगे। यह जानकारी प्रयागराज मेला प्रशासन ने एक समाचार एजेंसी को दी।

22 संत अखाड़ों के साथ अमृत स्नान में लेंगे भाग

सेक्टर 7 स्थित प्राग्ज्योतिष क्षेत्र शिविर में निर्वाणी अनी अखाड़े के महामंडलेश्वर महंत केशव दास जी महाराज ने बताया कि मौनी अमावस्या पर पूर्वोत्तर के 22 संत अखाड़ों के साथ अमृत स्नान में भाग लेंगे। इनमें से ज्यादातर पहली बार भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में पूर्वोत्तर शिविर ने हजारों लोगों को आकर्षित किया है, जिससे व्यापक उत्साह है।

महंत केशव दास जी ने दी ये जानकारी

महंत केशव दास जी ने आगे कहा कि पूर्वोत्तर कामाख्या देवी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। कुंभ में पहली बार इस मंदिर की प्रतिकृति स्थापित की गई है। ऐसे में श्रद्धालुओं को शिविर में कामाख्या और गंगा का पवित्र जल मिल रहा है। शिविर में शंकर देव जी द्वारा शुरू की गई “नामघर” प्रणाली पर केंद्रित पूर्वोत्तर की प्राचीन वैष्णव परंपरा को भी उजागर किया गया है। कुंभ में पहली बार उत्तर भारत के मंदिरों की तरह नामघर बनाए गए हैं।

सांस्कृतिक प्रदर्शन भी किए जाएंगे

इसमें श्रीमंत शंकरदेव द्वारा रचित भगवद गीता का अखंड पाठ किया जाता है और दीप जलाने और कीर्तन करने जैसी पारंपरिक प्रथाओं का पालन किया जाता है। शिविर के बारे में बोलते हुए महंत केशव दास जी ने कहा कि अंग्रेजों ने इस क्षेत्र का नाम पूर्वोत्तर रखा था, लेकिन इसका प्राचीन नाम प्राग्ज्योतिषपुर है। इसलिए इस शिविर का नाम प्राग्ज्योतिष क्षेत्र रखा गया है। शिविर में बांस नृत्य, अप्सरा नृत्य और राम विजय भावना जैसे सांस्कृतिक प्रदर्शन भी किए जाएंगे।